गोरखपुर का कपड़ा बाजार त्योहारों में गुलजार होने को तैयार Gorakhpur News
बात चाहे शूटिंग-शर्टिंग की हो या बच्चे-बड़े के रेडीमेड कपड़े साड़ी हैंडलूम या होजरी। पहले एक दिन में तकरीबन 20 करोड़ रुपये से अधिक होने वाले कारोबार अब चार से पांच करोड़ रुपये पर ही सिमट कर रह गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित हुए कपड़ा कारोबार को अब त्योहारों का इंतजार है। दशहरा, दीपावली, भैजा दूज, लक्ष्मी पूजा, छठ से लेकर क्रिसमस तक लगातार पडऩे वाले त्योहार में कपड़ा बाजार में रौनक आने की संभावना है। व्यापारी अभी से इसकी तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन उनके सामने कुछ चुनौतियां भी पेश आ रही हैं, जिसके समाधान के लिए उन्हें सरकार से कई अपेक्षाएं भी हैं। नवंबर- दिसंबर में शादी-ब्याह लगन है और उसकी वजह से भी बाजार में रौनक आना तय माना जा रहा है।
80 फीसद तक गिर गया था कारोबार
कोरोना काल में गोरखपुर का कपड़ा बाजार मंदी की मार झेल रहा है। बात चाहे शूटिंग-शर्टिंग की हो या बच्चे-बड़े के रेडीमेड कपड़े, साड़ी, हैंडलूम या होजरी। पहले के तुलना में औसनत 80 फीयद तक कारोबार कमजोर हुआ है। पहले एक दिन में तकरीबन 20 करोड़ रुपये से अधिक होने वाले कारोबार अब चार से पांच करोड़ रुपये पर ही सिमट कर रह गए हैं। इसकी मुख्य वजह कोरोना संक्रमण के कारण ग्राहकों का बाजार में न आना और परिवहन सेवाओं का न चलना था। शहर के अधिकांश कपड़ा बाजार की यही स्थिति है। व्यापारियों का कहना है कि अगले माह से त्याहारी सीजन शुरू हो जाएगा। इससे कारोबार को संभलने की उमीद है।
नए माल का दे रहे आर्डर
कपड़ा व्यवसायी दशहरा, धनतेरस, दीपावली और छठ पर्व को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। कोलकाता, सूरत, बैंगलुरू, दिल्ली, जयपुर के साथ अलग-अलग जगहों में नए माल का आर्डर दिया जा रहा है। आर्डर के बाद माल आने में भी कम से कम 20 से 25 दिन लग जाते हैं। अक्टूबर से दिसंबर तक कपड़ा बाजार में पांच सौ करोड़ के कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा मॉल और सुपर मार्केट में खरीदारी को अलग से देखा जा रहा है। नवंबर-दिसंबर में लगन भी खूब है। ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी होंगे जिनकी शादी लॉकडाउन की वजह से स्थगित हुई थी वे इस समय शादी करेंगे।
ऑनलाइन ऑफर होंगे कम तो चमकेगा बाजार
ई-कामर्स कंपनियां हर साल त्योहारों में कई तरह के फेस्टिवल ऑफर लेकर आती हैं, लेकिन इस साल त्योहारी मौसम में ई-कामर्स कंपनियां की ओर से ज्यादा छूट नहीं मिलेगी। दरअसल कारोबारियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार से फेस्टिवल सेल पर अंकुश लगाने की मांग की है। ऐसे में व्यापारियों को उम्मीद है कि त्योहारों में खरीदारी के लिए लोग बाजार का रुख करेंगे। इससे स्थानीय व्यापारियों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।
कुछ आंकड़े
गोरखपुर शहर में 3150 रेडीमेड, शूटिंग-शर्टिंग, हैंडलूम व होजरी की थोक व फुटकर दुकानें हैं। 20 करोड़ रुपये एक दिन का औसत कारोबार था लाकडाउन से पहले, 5 करोड़ रुपये का भी कारोबार नहीं रह गया लाकडाउन केबाद। 250 किमी दूर तक के व्यापारी गोरखपुर में करने आते हैं खरीदारी।
यहां से आते हैं कपड़े
गोरखपुर शहर में सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बैंगलुरू, कोलकाता, तिरुपुर, लुधियाना, कानपुर आदि से कपड़े मंगाए जाते हैं। जहां तक कपड़ों के प्रमुख बाजार की बात है तो इसमें पांडेयहाता, शाहमारुफ, रेती, गीता प्रेस रोड, घंटाघर, काली बाड़ी रोड, अली नगर, गोरखनाथ, गोलघर, असुरन, शाहपुर, पादरी बाजार, सिंघडिय़ां, रुस्तमपुर आदि प्रमुख बाजार हैं।
यहां होती है कपड़ों की आपूर्ति
गोरखपुर से देवरिया, संतकबीर नगर, बस्ती, महराजगंज, सोनौली, कसरा, पडरौना, बिहार के सिवान, छपरा, गोपलगंज, नरकटियागंज, बगहा आदि स्थानों पर कपड़ों की आपूर्ति होती है।
व्यापारियों के सामने चुनौतियां
ग्राहकों को दुकान तक कैसे लाया जाए। बड़े होलसेलर और फैक्ट्रियों से उधारी न मिलना। बाजार में फंसे पैसे की रिकवरी न होना। लोगों के पास कैश की कमी। नए-नए डिजाइन के कपड़ों का प्रोडक्शन न होना ही व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
क्या चाहते हैं व्यापारी
सरकार लोगों को रोजगार मुहैया कराए ताकि बाजार में खरीदारों की भीड़ बढ़े, दुकानों को बंद होने से बचाने के लिए मध्यम दर्जे के कारोबारियों को न्यूनतम ब्याज पर कर्ज मिले, छोटे कारोबारियों पर भरोसा जताते हुए पहले की तरह उन्हें क्रेडिट पर माल दिया जाए, लॉकडाउन के दौरान बंद दुकानों को बिजली के बिल में राहत दी जाए और त्योहारी सीजन में दुकानदारों पर बंदी न थोपी जाए।
क्या कहते हैं व्यापारी
गीता होलसेल मार्ट के शंभू शाह का कहना है कि अब कारोबार का सारा दारोमदार त्योहारों और लगन पर है। लॉकडाउन की वजह से जो शादियां नहीं हो सकी थीं, वह अगले दो महीने में होनी है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि बीते छह में जो नुकसान हुआ है उसकी बहुत हद तक भरपाई हो जाएगी। जालान उत्सव के ऋषभ जालान का कहना है कि कोरोना काल में कपड़ा व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बीमारी के भय से ग्राहक बाजार में नहीं आ पा रहे हैं। आने वाले दिनों में त्योहार शुरू हो जाएगा। ऐसे में हम सभी को अ'छे कारोबार की आस लगाए बैठे हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए छूट भी दी जाएगी। आदंन फैशन के शेवल कुमार का कहना है कि त्योहारों और लगन को लेकर हमलोग उत्साहित हैं। हाल के दिनों में हुए नुकसान को पीछे छोड़ते हुए आगे की सोच रहे हैं। नए--नए डिजाइनों के कपड़ों का भरपूर आर्डर दिया गया है ताकि ग्राहकों को उनके बजट के मुताबिक माल मिल सके। शरारत किड्स स्टेडियो के विशाल मंझानी का कहना है कि शादी समारोह स्थगित होने और ईद जैसे प्रमुख त्योहार पर दुकानें बंद होने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा। दुकान खुलने पर भी ग्राहकों की संख्या सीमित रही। अब सारी उम्मीदें त्योहारों पर आकर टिक गई है। माना जा रहा है कि दशहरा से कपड़ा बाजार रफ्तार पकड़ेगा जो दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक चलेगा।