टेराकोटा को मिली वैश्विक पहचान, बेहतरी के लिए महिलाओं का लिया जाएगा सुझाव
टेराकोटा उत्पाद एवं इससे जुड़े शिल्पकारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण से लेकर कई तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। हाल ही में सभी के लिए वर्चुअल फेयर का आयोजन भी किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल टेराकोटा को वैश्विक पहचान मिल रही है। अब इस उत्पाद को और बेहतर बनाने और इसे आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं की सूझबूझ का सहारा लिया जाएगा। जिला उद्योग केंद्र टेराकोटा से जुड़े गांवों में टेराकोटा समितियां गठित करने जा रहा है। इन समितियों में पुरुष के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल होंगी, दोनों की संख्या 50-50 फीसद होगी।
टेराकोटा उत्पाद एवं इससे जुड़े शिल्पकारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण से लेकर कई तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। हाल ही में सभी के लिए वर्चुअल फेयर का आयोजन भी किया गया। इसमें 35 देशों के करीब एक हजार खरीदारों को भी जोड़ा गया था। महिला सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता में है, इसे देखते हुए उद्योग विभाग ओडीओपी से महिलाओं को जोडऩे जा रहा है।
टेराकोटा समितियां गठित करने की योजना बना रहा जिला उद्योग केंद्र
गोरखपुर में इसके लिए टेराकोटा समितियां गठित की जाएंगी। विभाग का मानना है कि महिलाओं की ओर से रचनात्मक सुझाव आएंगे, जिससे उत्पाद को और बेहतर बनाया जा सकेगा। शिल्पकारों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे उत्पाद तैयार करते समय भी उनसे राय लें। महिलाओं को वर्चुअल बाजार से भी जोड़ा जाएगा, जिससे वे खरीदारों की जरूरत को समझ सकें और उसके अनुसार उत्पाद में बदलाव हो सके। कई व्यापारी गोरखपुर से टेराकोटा के उत्पाद ले जाते हैं और उसे अपने अनुसार सजाकर अधिक दाम में बेचते हैं। माना जा रहा है कि महिलाओं को इस काम से जोडऩे के बाद उत्पाद की खूबसूरती यहीं बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे अ'छी कीमत भी मिल सकेगी। उद्योग विभाग के उपायुक्त आरके शर्मा का कहना है कि महिलाओं के सुझाव से टेराकोटा उत्पाद और बेहतर बन सकेंगे। इसके लिए टेराकोटा समितियां गठित कराने का प्रस्ताव है। इस समिति में पुरुष के बराबर ही महिला सदस्य होंगी। उन्हें वर्चुअल फेयर में भी शामिल किया जाएगा।