Lockdown में इलाज का कारगर जरिया बनी टेली मेडिसिन Gorakhpur News
लाकडाउन के दौरान टेलीफोन से मरीजों की जानकारी लेना और उपचार बताने का मेडिकल कालेज का उपाय काफी कारगर साबित हो गया है। लोग अब टेलीफोन कर डाक्टरों से सलाह ले रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। टेली मेडिसिन (फोन पर चिकित्सकीय परामर्श) लॉकडाउन में इलाज का कारगर जरिया साबित हुई है। मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने एक हफ्ते में न केवल 300 से अधिक मरीजों को परामर्श दिया है बल्कि सात रोगियों की स्थिति गंभीर मिलने पर मेडिकल कालेज में भर्ती भी कराया है।
मेडिकल कालेज में 30 अप्रैल से हुई है शुरुआत
बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में टेली मेडिसन की शुरुआत 30 अप्रैल से हुई है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित विभागों के डॉक्टर तय दिवस पर मरीजों को फोन कर पहले तो मर्ज जानते हैं इसके बाद वाट्सएप के जरिये दवा का पर्चा भेज रहे हैं। यदि मरीज का इलाज पहले से चल रहा है तो उसका पर्चा व जांच रिपोर्ट भी डाक्टर वाट्सएप पर मंगाकर देखते हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों से रोजाना करीब 40-50 मरीज अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
कितने देखे गए मरीज
बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज मे टेली मेडिसिन के जरिए देखे जा रहे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 30 चर्म रोग के तो 12 दंत रोग के मरीजों को सुझाव दिए जा चुके हैं। इसी तरह से 36 स्त्री एवं प्रसूति रोग, 60 मेडिसिन, 20 नेत्र रोग, 48 हड्डी रोग, 30 बाल रोग, 15 मानसिक रोग, 30 सर्जरी और 20 टीबी एवं चेस्ट रोग के मरीजों का इलाज चल रहा है।
इस दिन इस विभाग में मिलता है परामर्श
दिन विभाग
सप्ताह के सभी दिन- मेडिसिन, सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग व बाल रोग
सोमवार, बुधवार, शुक्रवार- अस्थिरोग, नेत्र रोग, टीबी एवं चेस्ट, चर्म रोग
मंगलवार, गुरुवार, शनिवार- मानसिक रोग, दंत रोग, नाक-कान-गला रोग।
ऐसे होता है रजिस्ट्रेशन
मेडिकल कॉलेज में रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर- 9451086522, 9451091944, 9451080844, 9451081488 पर बात की जा सकती है। इसके अलावा वाट्सएप नंबर 9451071865 पर अपने रोगों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
मरीजों को मिल रही सहूलियत
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि टेली मेडिसन से मरीजों को काफी सहूलियत मिली है। कोरोना का फैलाव रोकने में भी यह अहम कदम साबित होगा। भर्ती सात मरीजों में से एक को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अधिक से अधिक मरीजों को इस सेवा का लाभ लेना चाहिए।