देवरिया की तेजस्विनी बनीं मिसेज ग्लोबल वर्ल्ड
साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में हुए मिसेज ग्लोबल वर्ल्ड साउथ अफ़्रीका 2018 का ताज देवरिया की तेजस्विनी सिंह के सिर सजा।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 10:41 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 11:13 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में चल मिसेज ग्लोबल वर्ल्ड साउथ अफ़्रीका 2018 का ताज भारत का प्रतिनिधित्व कर रही देवरिया की तेजस्विनी सिंह शनिवार की रात अपने नाम कर लिया। शनिवार की देर रात जोहांसबर्ग के प्रोटी मरीअट में अंतिम राउंड हुआ। तेजस्विनी 45 देशों की प्रतिभागियों को पीछे छोड़कर ताज अपने नाम किया। इसकी सूचना गांव आने के बाद परिवार के साथ ही गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में मिसेज ग्लोबल वर्ल्ड साउथ अफ़्रीका 2018 पांच दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में तेजस्विनी ने हर चरण में सबसे ज़्यादा अंक हासिल किया। कंट्री कल्चर राउंड में तेजस्विनी के कपड़ों में राधा- कृष्णा का समागम एक साथ देखने को मिला, वही भारतीय घाघरे में पूरे देश के हर राज्य की ख़ास कला को पिरोया। भव्य स्टेज पर टैलेंट राउंड में तेजस्विनी ने भारतीय संस्कृति से सज़े कथक व भरत नाट्यम पर नृत्य प्रस्तुत किया था।
कैंसर पीड़ितों को लेकर गंभीर हैं तेजस्विनी
जागरण से दूरभाष पर बातचीत में तेजस्विनी सिंह ने इस सफलता का श्रेय अपनी मां निर्मला सिंह को दिया है। उनका कहना है कि बेटियों को आगे बढ़ाने का सपना उनकी मां का रहा है। वह अपना पूरा समय कैंसर व अन्य बीमारियों से लड़ने के प्राकृतिक इलाज व कीमोथेरपी के दौरान होने वाले दुस्प्रभाव से बचाव की खोज पर देंगी।
साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में मिसेज ग्लोबल वर्ल्ड साउथ अफ़्रीका 2018 पांच दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में तेजस्विनी ने हर चरण में सबसे ज़्यादा अंक हासिल किया। कंट्री कल्चर राउंड में तेजस्विनी के कपड़ों में राधा- कृष्णा का समागम एक साथ देखने को मिला, वही भारतीय घाघरे में पूरे देश के हर राज्य की ख़ास कला को पिरोया। भव्य स्टेज पर टैलेंट राउंड में तेजस्विनी ने भारतीय संस्कृति से सज़े कथक व भरत नाट्यम पर नृत्य प्रस्तुत किया था।
कैंसर पीड़ितों को लेकर गंभीर हैं तेजस्विनी
जागरण से दूरभाष पर बातचीत में तेजस्विनी सिंह ने इस सफलता का श्रेय अपनी मां निर्मला सिंह को दिया है। उनका कहना है कि बेटियों को आगे बढ़ाने का सपना उनकी मां का रहा है। वह अपना पूरा समय कैंसर व अन्य बीमारियों से लड़ने के प्राकृतिक इलाज व कीमोथेरपी के दौरान होने वाले दुस्प्रभाव से बचाव की खोज पर देंगी।
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