Move to Jagran APP

परीक्षा होगी बच्चों की, नंबर मिलेंगे गुरुजी को- गोरखपुर के डीएम का अभिनव प्रयोग

गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद ने प्राइमरी शिक्षा में अभिनव प्रयोग किया है। अब प्राइमरी बच्चों की परीक्षा और परीक्षा में मिले नंबरों के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। इसके बाद शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Apr 2022 07:25 AM (IST)Updated: Sat, 23 Apr 2022 07:54 PM (IST)
परीक्षा होगी बच्चों की, नंबर मिलेंगे गुरुजी को- गोरखपुर के डीएम का अभिनव प्रयोग
गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरण आनंद। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परीक्षा बच्चों की होगी और रिजल्ट शिक्षकों का आएगा। रिजल्ट आने पर चिन्हित कमजोर बच्चों को किया जाएगा और पढ़ाया गुरुजी को जाएगा। चौंक गए न, यह होगा आने पर कमजोर बच्चे चिह्नित किए जाएंगे। इसमें खास बात यह है कि बच्चों की जगह शिक्षकों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए सरल एप के जरिये बच्चों के लर्निंग आउटकम जानने के लिए 25 व 26 अप्रैल को परीक्षा होगी। प्रदेश में पहली बार परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के तीन लाख बच्चों की योग्यता का आंकलन होगा। ओएमआर शीट पर इनकी परीक्षा होगी और छात्रों द्वारा भरी गई शीट को सरल एप पर शिक्षकों के स्कैन करते ही तुरंत परिणाम आ जाएगा।

loksabha election banner

प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षित किए जाएंगे गुरुजी

रिजल्ट घोषित होने के बाद कमजोर बच्चों को विषयवार चिह्नित कर सूची बनाई जाएगी। इसी आधार पर संबंधित स्कूलों के शिक्षकाें को प्रतिष्ठित संस्थान खान एकेडमी, एलएलएफ, विक्रमशिला, आइआइटी गांधीनगर के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को पढ़ाने का प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने इन संस्थानों से करार किया है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा रहते हुए शिक्षा विभाग में कई नई पहल करने वाले डीएम विजय किरन आनंद जिले में यह नया प्रयोग कर रहे हैं।

ऐसे काम करेगा सरल एप

सरल ऐप एक एंड्रायड आधारित एप है, जिसके माध्यम से शिक्षक आसानी से ओएमआर शीट को स्कैन कर पाएंगे। विद्यार्थियों के अधिगम स्तर को जानने के लिए कक्षा एक से तीन के बच्चों का आकलन लिया जाएगा। जिसके परिणाम शिक्षक ओएमआर शीट में भरेंगे। स्कैन करने के बाद पूरा ब्योरा तत्काल जनपद मुख्यालय पर दिखने लगेगा और परिणाम घोषित हो जाएगा। आने वाले समय में यह एप प्रति माह बच्चों मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

बच्चों की योग्यता के आकलन के लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से स्कूलों को ओमआर शीट उपलब्ध करा दिया गया है। आकलन के दौरान बच्चों से प्रश्न का उत्तर पूछकर शिक्षक उसमें भरेंगे और उसी के अनुसार उनका आकलन कर परिणाम घोषित किया जाएगा। कोरोनाकाल के दौरान बच्चे दो वर्षों से विद्यालय से दूर रहे हैं। जिसके कारण उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ है। यह नुकसान किन-किन विषयों में हुआ है यही पता लगाने के लिए यह मूल्यांकन किया जा रहा है। ताकि बच्चों की इसी रिपोर्ट के आधार पर हम अपनी कार्य योजना का निर्माण कर सकें। - विवेक जायसवाल, जिला समन्वयक प्रशिक्षण।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.