शासन के नये आदेश से शिक्षक संघ नाराज, Gorakhpur News
संघ का तर्क है कि प्राथमिक नाम से संचालित विद्यालय में उच्च कक्षाओं को संचालित करना उचित नहीं है।
गोरखपुर, जेएनएन। एक परिसर में स्थित दो परिषदीय स्कूलों के संविलियन के संबंध में अपर मुख्य सचिव द्वारा पारित नए आदेश पर उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक)शिक्षक संघ ने एतराज जताया है। संघ ने आदेश की कमियां गिनाते हुए इसे संविलियन की मूल भावना के विपरीत बताया है।
संघ के जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर पांडेय व महामंत्री बाल विनोद शुक्ला ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा है कि अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय का नाम एवं यू-डायस कोड लागू किया जाना तर्क संगत नहीं है। प्राथमिक विद्यालय में पांच कक्षाएं जबकि पूर्व माध्यमिक में केवल तीन कक्षाएं संचालित होती है। ऐसे में प्राथमिक विद्यालय की छात्र संख्या अधिक होना स्वाभाविक है।
नए आदेश के अनुसार संविलियन के उपरांत वह प्राथमिक विद्यालय ही कहलाएगा। संघ का तर्क है कि प्राथमिक नाम से संचालित विद्यालय में उच्च कक्षाओं को संचालित करना उचित नहीं है। इसके अलावा प्राथमिक नाम से संचालित विद्यालय द्वारा जारी उच्च कक्षाओं के स्थानांतरण प्रमाणपत्र भी भ्रामक प्रतीत होंगे। संगठन ने संविलियन के उपरांत उच्च प्राथमिक विद्यालय का नाम और यू-डायस कोड लागू करने की मांग की है।
रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों हो बीमा
उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें क्वारंटाइन सेंटर व रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी कर शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक में ड्यूटी करने वाले सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का बीमा करने की मांग की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष भक्तराज राम त्रिपाठी व संयोजक रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिना शिक्षकों व कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए ही इनकी ड्यूटी रेलवे स्टेशन व क्वारंटाइन सेंटर पर लगा दी गई है। इनकी सेवाओं को आवश्यक सेवा मानते हुए कोरोना ड्यूटी में लगे डाक्टर, नर्स आदि की भांति इनका भी बीमा किया जाए। बैठक में श्रीधर मिश्र, अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, अनूप कुमार, हरेंद्र राय, सुधांशु मोहन सिंह, ज्ञानेंद्र ओझा आदि शामिल रहे।