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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों को देना होगा आनलाइन क्लास का हिसाब

अपनी इस व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने के लिए दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन एक पोर्टल विकसित कर रहा है जो विवि की वेबसाइट से लिंक रहेगा। शिक्षकों को इस पोर्टल पर एक दिन पहले कक्षा की जानकारी देनी होगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 07:30 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों को देना होगा आनलाइन क्लास का हिसाब
दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक अब आनलाइन कक्षाओं को लेकर हीला-हवाली नहीं कर सकेंगे। उन्हें अब सिर्फ अनिवार्य रूप से अपनी कक्षाएं ही लेनी नहीं होंगी बल्कि विश्वविद्यालय को उसका बाकायदा हिसाब भी देना होगा। विश्वविद्यालय इसके लिए एक आनलाइन क्लास मानिटङ्क्षरग सिस्टम विकसित कर रहा है। इस सिस्टम के माध्यम से वह शिक्षकों द्वारा ली जा रही आनलाइन क्लास की मानीटरिंग करेगा। लापरवाही मिलने पर संबंधित विषय के विभागाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी।

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मानिटरिंग के लिए तैयार हो रहा पोर्टल

अपनी इस व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एक पोर्टल विकसित कर रहा है, जो विवि की वेबसाइट से लिंक रहेगा। शिक्षकों को इस पोर्टल पर एक दिन पहले कक्षा की जानकारी देनी होगी और अगले दिन कक्षा लिए जाने का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। वह साक्ष्य आडियो-वीडियो किसी रूप में हो सकता है। जो शिक्षक आडियो-वीडियो नहीं दे सकेंगे, उन्हें हस्त-लिखित साक्ष्य देना होगा। शिक्षकों को अपने द्वारा ली गई क्लास की जानकारी पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट करनी होगी। अगले दिन किया गया अपडेट मान्य नहीं होगा। विश्वविद्यालय का तकनीक सेल इस व्यवस्था पर नजर रखेगा और वस्तुस्थिति की जानकारी कुलपति को देगा।

जुलाई से लागू हो जाएगी मानिटरिंग व्यवस्था

विश्वविद्यालय प्रशासन ने जुलाई से आनलाइन शिक्षण प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई है। ऐसे में इससे पहले मानिटङ्क्षरग सिस्टम पूरी तरह से विकसित कर लेने की विश्वविद्यालय की योजना है। इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की देखरेख में मानिटङ्क्षरग पोर्टल विकसित किया जा रहा है। जुलाई से शुरू होने वाली आनलाइन कक्षाएं मानिटङ्क्षरग सिस्टम के दायरे में ही चलेंगी।

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए आनलाइन अध्ययन-अध्यापन की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के क्रम में आनलाइन माटिनङ्क्षरग सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस सिस्टम के माध्यम से शिक्षकों द्वारा ली जाने वाली आनलाइन क्लास पर नजर रखी जाएगी। चूंकि जुलाई से आनलाइन कक्षाओं को शुरू करने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में उससे पहले इस व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।


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