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गोरखपुर में बढ़ रहे टीबी मरीज, एक माह में 173 नए रोगी मिले

गोरखपुर जिले में टीबी का खतरा बढ़ता जा रहा है। 11 जुलाई से 25 जुलाई तक चलाए गए दस्‍तक अभियान के दौरान 173 नए टीबी के मरीज खोजे गए हैं। सभी का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर किया गया है। उन्‍हें निश्‍शुल्‍क इलाज दिया जाएगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 04:36 PM (IST)
गोरखपुर में बढ़ रहे टीबी मरीज, एक माह में 173 नए रोगी मिले
गोरखपुर में एक माह में मिले टीबी के 173 नए मरीज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं 11 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के दौरान 173 नए टीबी रोगी खोजे गए हैं। इन सभी का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर कर लिया गया है। इन्हें निश्शुल्क इलाज के साथ ही पांच सौ रुपये प्रति माह पोषण के लिए दिए जाएंगे।

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आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर 866 मरीजों को ढूंढा

जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीमों ने घर-घर भ्रमण कर टीबी के लक्षणों वाले 866 मरीजों को ढूंढा था। उन सभी की टीबी की क्लीनिकल जांच (एक्स-रे आदि) व बलगम की जांच कराई गई। क्लीनिकल जांच में 84 और बलगम जांच में 89 लोगों में टीबी रोग की पुष्टि हुई। नया मरीज ढूंढने वाली आशा कार्यकर्ता को 500 रुपये प्रति मरीज की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

यह लक्षण दिखें तो कराएं टीबी जांच

डा. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ये लक्षण दिखें तो टीबी की जांच अवश्य करा लें। कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद भी यदि खांसी आ रही है तो टीबी की जांच करा लेनी चाहिए।

जिला क्षय राेग नियंत्रण अधिकारी बोले, छिपाने से बढ़ जाती है बीमारी

जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्र ने कहा है कि टीबी को छिपाएं नहीं। टीबी रोगियों के इलाज में गोपनीयता बरती जाती है। लक्षणों के बावजूद अगर कोई बीमारी छिपा रहा है, तो इससे उसके परिवार में भी टीबी के प्रसार का खतरा रहता है। बीमारी छिपाने वालों का समय से इलाज शुरू नहीं हो पाता, इसलिए यह बीमारी खतरनाक रूप अख्तियार करने लगती है।


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