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रेलवे से मंगा रहे माल, बिना टैक्स पहुंचा रहे बाजार

ट्रेन से लाखों का माल मंगाकर बिना टैक्स दिए बाजार में खपाया जाने लगा है। कारोबारी माल के वजन पर भाड़ा और इस पर पांच फीसद जीएसटी देकर ट्रेन से माल मंगा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:27 AM (IST)
रेलवे से मंगा रहे माल, बिना टैक्स पहुंचा रहे बाजार
रेलवे से मंगा रहे माल, बिना टैक्स पहुंचा रहे बाजार

गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। त्योहारों के मौसम में फिर ट्रेन से लाखों का माल मंगाकर बिना टैक्स दिए बाजार में खपाया जाने लगा है। कारोबारी माल के वजन पर भाड़ा और इस पर पांच फीसद जीएसटी देकर ट्रेन से माल मंगा रहे हैं। इसके बाद वाणिज्य कर विभाग को बिना टैक्स दिए चोरी से स्टेशन से इसे बाहर पहुंचा दे रहे हैं। यहां न तो वाणिज्य कर विभाग की सचल दल टीम पहुंच रही है और न ही विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) की।

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दृश्य एक

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक स्थित पार्सल घर के सामने ट्रेन से आया माल सोमवार सुबह 11 बजे सीधे लोड किया जा रहा था। यहीं रेलवे पुलिस बल का एक जवान टहल रहा था, लेकिन किसी से कोई पूछताछ नहीं हुई।

दृश्य दो

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर कई जगह बड़े-बड़े प्लास्टिक के बोरों में माल पड़े थे। बोरों पर लिखे कोड नंबर से माल के मालिक की पहचान हो रही थी। दिल्ली से माल मंगाने वाला ठेकेदार उसे लदवा रहा था।

ट्रांसपोर्टर है रेलवे

वाणिज्य कर विभाग में रेलवे एक ट्रांसपोर्ट के रूप में पंजीकृत है। नियमानुसार रेलवे से आने वाले माल की समय-समय पर उसी तरह जांच होनी चाहिए जिस तरह ट्रांसपोर्ट से आने वाले माल की होती है। वाणिज्य कर अफसर ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों के शोरूम, गोदामों की जांच तो कर रहे हैं, लेकिन ट्रेन से आए माल की कोई जांच नहीं कर रहे हैं।

शहर में यह माल आता है

शहर में दूसरे राज्यों से कपड़े, साड़ी, रेडीमेड गारमेंट, होजरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली के उपकरण आदि आते हैं। ज्यादातर माल बिना प्रपत्र के होते हैं। रेलवे को सिर्फ माल की बुकिंग से मतलब होता है।

ऐसे समझें

रेलवे जो माल बुक करता है उसका वजन के हिसाब से भाड़ा लिया जाता है, लेकिन माल को अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाता है। जैसे रूई का वजन कम होता है लेकिन यह ज्यादा जगह लेती है इसलिए इसका भाड़ा ज्यादा होता है। लोहा का वजन ज्यादा होता है लेकिन यह कम जगह लेता इसलिए इसका भाड़ा कम होता है। रेलवे को बस भार पर आधारित भाड़े से मतलब है। भले ही एक किलो सोना जा रहा हो या मिट्टी।

तेज होगी जांच

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू बीएन द्विवेदी ने बताया कि रेलवे से आने वाले माल की लगातार जांच की जा रही है। राजस्व भी जमा कराया जा रहा है। त्योहार में माल आना तेज हो रहा है, जांच में भी तेजी ले आई जाएगी।


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