गोरखपुर में वाहनों के चालान का टारगेट पूरा, अब कैसे होगा जुर्माना Gorakhpur News
विभाग ने सितंबर के बाद चालान और बंद की कार्रवाई में अपना टारगेट तो पूरा कर लिया लेकिन जुर्माना जमा नहीं हो रहा। कुछ ऐसे भी चालान कट गए जिसमे वाहन सड़क पर निकले ही नहीं।
गोरखपुर, जेएनएन। परिवहन विभाग की कार्य प्रणाली और वाहन स्वामियों की उदासीनता भी निराली है। नया मोटर कानून लागू होने के बाद परिवहन अधिकारियों ने अनियमितता पर वाहनों के खिलाफ आनलाइन चालान की खूब कार्रवाइयां की, लेकिन अब जुर्माना वसूलने में पसीने छूट रहे हैं।
परिवहन विभाग ने सितंबर के बाद चालान और बंद की कार्रवाई में अपना टारगेट तो पूरा कर लिया, लेकिन जुर्माना जमा नहीं हो रहा। एक तरफ अधिकारी टारगेट पूरा कर रहे तो दूसरी तरफ वाहन स्वामी लापरवाही बरत रहे।
तीन माह में चार हजार वाहनों का काटा गया चालान
लगभग तीन माह में चालान के चार हजार मामलों में जुर्माना जमा नहीं हुआ है। परिवहन विभाग ने कोर्ट की शरण ले ली है। साथ ही जुर्माना नहीं देने वाले वाहनों को विभाग के वेबसाइट पर ब्लाक कर दिया गया है। दरअसल, परिवहन अधिकारियों ने टारगेट पूरा करने के चक्कर में अधिक से अधिक वाहनों का आनलाइन चालान कर दिया। कुछ ऐसे भी चालान कट गए जिसमे वाहन सड़क पर निकले ही नहीं।
11 हजार मामलों में अभी तक जमा नहीं हुआ जुर्माना
विभागीय जानकारों के अनुसार परिवहन विभाग में वर्ष 2016 से अभी तक लगभग 11 हजार चालान ऐसे हैं, जिनमें जुर्माने की राशि नहीं जमा हो सकी है। विभाग ने अभी तक छह हजार मामलों को कोर्ट भेजा है। जुर्माना के नाम पर परिवहन विभाग के लाखों रुपये फंसे हुए हैं।
मामला कोर्ट में
आरटीओ प्रवर्तन डीडी मिश्रा का कहना है कि यातायात नियमों की अवहेलना पर चालान काटे गए हैं। कुछ लोगों ने जुर्माना नहीं जमा किया है। मामला कोर्ट भेजा गया है। जब तक मामले का निस्तारण नहीं हो जाता वाहन से संबंधित किसी प्रकार का शुल्क विभाग में जमा नहीं होगा।