गोरखपुर की सैयदा बेगम बड़े गिरोह की सरगना, खाते से रुपये उड़ाने वाले जुड़े हैं कई अपराधी
16 अक्तूबर को इंदौर के साइबर सेल के निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा की टीम गोरखपुर पहुंची। यहां स्थानीय एसटीएफ की मदद से तिवारीपुर के कल्याणपुर निवासी सैयदा बेगम को राजघाट के अमरूद मंडी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। खाते से रुपये उड़ाने वाले गिरोह की सरगना गोरखपुर शहर की सैयदा बेगम है। उसके गिरोह में कई लोग काम करते हैं। ई-मेल आइडी हैक कर बैंक खातों से रुपये ट्रांसफर करने वाले गिरोह के चार जालसाजों को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स ) गोरखपुर व इंदौर (मध्य प्रदेश) की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चारो आरोपित गोरखपुर रहने वाले हैं। उनमें एक महिला सैयदा बेगम भी है। सभी आरोपितों को इंदौर पुलिस ट्राजिंट रिमांड पर अपने साथ ले गई।
इंदौर से पहुंची पुलिस
एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि बीते 11 अगस्त 2020 को इंदौर के साइबर सेल थाना में आइटी एक्ट व जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में पता चला कि जालसाजी करने वाले गिरोह के चार सदस्य गोरखपुर से जुड़े हैं। वहां की पुलिस ने एसटीएफ गोरखपुर यूनिट से संपर्क किया। 16 अक्तूबर को इंदौर के साइबर सेल के निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा की टीम गोरखपुर पहुंची। यहां स्थानीय एसटीएफ की मदद से तिवारीपुर के कल्याणपुर निवासी सैयदा बेगम को राजघाट के अमरूद मंडी के पास से गिरफ्तार किया।
यहां के निवासी हैं गिरोह के सदस्य
पूछताछ में सैयदा बेगम ने बताया कि उसके गिरोह में तिवारीपुर के निजामपुर निवासी परवेज अहमद,घोषीपुर निवासी गयासुद्दीन खान उर्फ सानू व मूल रूप से बांसगांव निवासी आशीष जायसवाल भी शामिल हैं। आशीष वर्तमान में शाहपुर के राप्तीनगर में रहता है। टीम ने परवेज अहमद को रूस्तमपुर ढाला, गयासुद्दीन तथा आशीष को घोषीपुर से गिरफ्तार किया। आरोपितों से पांच आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक एटीएम कार्ड, छह मोबाइल फोन व सात हजार रुपये बरामद हुए। सैयदा बेगम से मिले आधार कार्ड में दो अलग-अलग पते दर्ज हैैं।
खाते में ऐसे मंगवाते थे रकम
आरोपितों ने बताया कि सैयदा बेगम के आधार कार्ड में पता बदलवाकर अलग- अलग बैंकों में उन्होंने खाता खुलवाया था। जिसका एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक परवेज, आशीष तथा गयासुद्दीन अपने पास रखते थे। खाते में रकम आने के बाद गयासुद्दीन एटीएम से रकम निकालता था। आशीष अलग अलग खातों में रुपये ट्रांसफर करता था। अगर किसी खाते में रकम के ट्रांजेक्शन में दिक्कत आती है तो सैयदा बेगम व परवेज पति-पत्नी बनकर बैंक में जाते और चेकबुक से रकम निकालते थे।
दिल्ली के दो साथियों से मिलकर इंदौर से मंगाया था रकम
जालसाजों ने इंदौर से जो रकम मंगाई थी, उसमें दिल्ली में रहने वाले आशीष के साथी अकरम व प्रतीक ने मदद की थी। आशीष ने बताया कि उसके साथी इंदौर आते- जाते रहते हैं। उन्हीं दोनों ने ईमेल आईडी को हैक कर खाते में रुपये मंगा लिया। अकरम ने जब फोन कर बताया कि रकम खाते में आ गई है, तब गयासुद्दीन ने दो बार में एटीएम से अस्सी हजार व आशीष ने दो लाख रुपये का आइएमपीएस मनोज नाम के व्यक्ति के खाते में कर दिया। टीम के अनुसार इस तरह इन लोगों ने अलग अलग राज्यों के खातों से लाखों रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवाकर निकाला है।