Surgical Strike 2 : शहीदों की तेरहवीं से पहले लिया बदला...यह है भारतीय सेना
टीवी चैनलों से पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने की खबर मिलते ही एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। पुलवामा में शहीद जवानों की तेरहवीं से पहले बदला लेना भी चर्चा में रहा।
प्रदीप श्रीवास्तव, गोरखपुर। Surgical Strike 2 बधाई हो...सेना ने पुलवामा का बदला ले लिया। शहर में लोगों के सुबह की शुरुआत इन्हीं शब्दों साथ हुई। टीवी चैनलों से पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने की खबर मिलते ही एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। पुलवामा हमले में शहीद जवानों की तेरहवीं से पहले बदला लेना भी चर्चा में रहा। लोगों ने कहा कि शहीद जवानों की तेरहवीं से बदला लेकर सरकार ने अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया और सेना ने अपने पराक्रम से इसे अंजाम तक पहुंचाया। चारो तरफ दिन भर सेना की जय जयकार होती रही।
सोशल मीडिया पर सुबह से ही बधाई देने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह दोपहर होते-होते सड़क पर आ गया। भारतीय सेना की कार्रवाई की जानकारी डीटेल में लोगों को जैसे जैसे मिलनी शुरू हुई वैसे वैसे माहौल बदलने लगा। लोगों ने सड़कों पर उतरकर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटीं। पुलवामा हमले में शहीद हुए देवरिया और महराजगंज के शहीदों के परिजनों ने सेना और सरकार का आभार जताया तो आम लोगों ने भी सरकार के इस निर्णय का समर्थन करते हुए सेना की कार्रवाई पर गर्व जताया।
गोरखपुर, महजरागंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीर नगर में शहर से लेकर गांव तक लोगों ने गुलाम कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा आतंकी शिविरों को नष्ट किए पर जश्न मनाया। दलीय सीमाएं टूट गईं और सभी दलों के लोगों ने अपने-अपने तरीके से जश्न मनाया। कई स्थानों पर लोग गाजे बाजे के साथ सेना की इस कार्रवाई का समर्थन किया।
पुलवामा आतंकी हमले में देवरिया के वीर जवान विजय मौर्य भी शहीद हुए थे। शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी और पिता रामायण मौर्य सेना की कार्रवाई से गदगद तो हैं लेकिन वे पूरी तरह से संतुुष्ट नहीं हैं। शहीद के पिता को इससे भी बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
पुलवामा आतंकी हमले में महराजगंज के शहीद पंकज त्रिपाठी की पत्नी रोहिणी त्रिपाठी को जब भारतीय सेना की इस कार्रवाई की जानकारी मिली तो वह अपने सास-ससुर के साथ अयोध्या में साड़ी छोड़ने जा रही थीं। (मान्यता के मुताबिक मृत पति के ब्रम्हभोज के बाद पत्नी नदी के तट पर साड़ी छोड़ने के लिए जाती है। इसके बाद बरखी की प्रक्रिया संपन्न होती है।) खबर सुनते उनके मुह से बरबस निकल पड़ा- आज कलेजे को ठंडक मिली। शहीद की पत्नी के मुह से निकले इन शब्दों को हर किसी ने अपने अंदर भी महसूस किया।