Coronavirus: गोरखपुर में अब इस तरह के लोगों की होगी कोरोना की रैंडम जांच Gorakhpur News
सामुदायिक संक्रमण रोकने के लिए अब ऐसे लोगों की कोरोना की रैंडम जांच होगी जिनमें कोरोना के कोई लक्षण न हों। बीआरडी मेडिकल कालेज को इसके िलिए तीन जिलों की जिम्मेदारी मिली है।
गोरखपुर, जेएनएन। सामुदायिक संक्रमण रोकने को बिना लक्षणों वाले लोगों की कोरोना जांच के लिए भारत सरकार ने पूरे देश के जिन 70 जिलों को प्रथम चरण मे चुना है, उनमें उत्तर प्रदेश के नौ जिले हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीन जिलों मऊ, गोंडा व बलरामपुर में सामुदायिक जांच की जिम्मेदारी क्षेत्रीय आयुविज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) गोरखपुर को दी गई है। अन्य जिलों में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) स्वयं जांच कराएगा। जांच के लिए प्रत्येक जिले में 40-40 कलस्टर (जांच के लिए विशेष क्षेत्र ) बनाए जाएंगे। पहले चरण में हर कलस्टर से 10-10 लोगों की जांच की जाएगी।
आइसीएमआर के नियोजन व समन्वयन प्रभारी डॉ. रजनीकांत ने बताया कि सामुदायिक संक्रमण रोकने के लिए इस तरह की जांच की व्यवस्था की गई है। इन जिलों में प्रथम चरण में 400-400 लोगों के जांच की जाएगी, इसमें स्वास्थ्यकर्मी से लेकर गैर प्रांतों से आने वाले लोग भी शामिल होंगे। जिनमें कोई लक्षण या ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं भी होगी, उनकी भी जांच की जाएगी।
प्रदेश के इन जिलों में होगी जांच
उत्तर प्रदेश के जिलों में मऊ, गोंडा, बलरामपुर, अमरोहा, बरेली, औरैया, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर और उन्नाव शामिल है। इन जिलों में बिना लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच की जाएगी।
एलाइजा किट से होगी
चयनित जिलों में एलाइजा किट से खून की जांच कर कोरोना संक्रमण का पता लगाया जाएगा। जांच शीघ्र हो सके इसके लिए 10 नमूनों का एक पूल बनाकर जांच की जाएगी।
गोंडा में शुरू हुई जांच
आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय ने बताया कि आदेश मिलने के बाद टीम ने गोंडा पहुंच जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कोरोना के इलाज में परामर्श देंगे विशेषज्ञ चिकित्सक
कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में अब विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श लिया जाएगा। इसके लिए तीन प्राइमरी व तीन एडवांस ई-कोविड केयर सपोर्ट (ईसीसीएस) नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे। यहां मौजूद गंभीर बीमारियों के विशेषज्ञ प्रदेश भर के चिकित्सकों को टेली कम्युनिकेशन के जरिये आवश्यक सलाह देंगे। गोरखपुर-बस्ती मंडल के कोविड-19 अस्पतालों के प्राइमरी नेटवर्क को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, प्रयागराज व एडवांस नेटवर्क को बनारस हिंदू यूनिवॢसटी (बीएचयू) से जोड़ा गया है।
अन्य रोग से ग्रस्त कोरोना संक्रमित ज्यादा संवेदनशील
कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीजों को विशेष संवेदनशील माना जा रहा है जो किसी अन्य रोग से भी ग्रस्त हैं। कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती इन मरीजों को विशेषज्ञ परामर्श के साथ ऑक्सीजन, वेंटीलेटर जैसे उपकरणों की भी आवश्यकता होती है। ऐसे मरीजों का इलाज करने और कोरोना के मृत्यु दर को कम करने में ईसीसीएस नेटवर्क सहायक होगा।
विशेषज्ञों से परामर्श के लिए सभी कोविड-19 अस्पतालों में टेली कम्युनिकेशन सेंटर स्थापित होंगे, जिसके जरिये मरीजों के पर्चे, जांच रिपोर्ट आदि भेजे जाएंगे। ईसीसीएस की साप्ताहिक रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय के कंट्रोल रूम व कमांड सेंटर को भेजी जाएगी।
गोरखपुर के कोविड-19 अस्पताल
गोरखपुर के कोविड-19 अस्पतालों में रेलवे अस्पताल है जहां 200 बेड की व्यवस्था है। इसी तरह से सीसीयू स्पोर्ट्स कॉलेज में 100 बेड, जिला अस्पताल में 23 बेड, सीएचसी चरगांवा में 30 बेड, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 200 बेड की व्यवस्था है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि कोविड-19 अस्पतालों में टेली कम्युनिकेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यहां के डॉक्टर ईसीसीएस के विशेषज्ञों से परामर्श लेकर मरीज का इलाज करेंगे। कोरोना के मृत्यु दर को कम करने में यह सहायक होगा।