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कैद से मुक्त हुई बिस्मिल की शहीद स्थली, जाने कैसे हुई पहल

गोरखपुर के जेल में स्थित पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की शहीद स्थली का विकास होगा। पर्यटन विभाग इसे दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करेगा।

By Edited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 06:12 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 09:42 AM (IST)
कैद से मुक्त हुई बिस्मिल की शहीद स्थली, जाने कैसे हुई पहल
कैद से मुक्त हुई बिस्मिल की शहीद स्थली, जाने कैसे हुई पहल
गोरखपुर, जेएनएन। जेल में स्थित पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की शहीद स्थली का द्वार आमजन के लिए खुल गया है। जेल प्रशासन ने शहीद उद्यान और फांसी घर के बीच में खड़ी चाहरदीवारी तोड़ दी। अब बिना जेल के अंदर गए ही आम लोग शहीद स्थली के दर्शन कर सकेंगे। पर्यटन विभाग इसका सुंदरीकरण करेगा। जंगे आजादी के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी दी गई थी। जेल में उनकी यादें सुरक्षित हैं। जेल प्रशासन ने फांसी घर और चाहरदीवारी के बीच गेट लगवाया था।
शहीद स्थली का दर्शन करने के इच्छुक लोग गेट से होते हुए फांसी घर तक पहुंचते थे। नौ माह पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए जेल प्रशासन ने राम प्रसाद बिस्मिल शहीद स्थली पर लगे गेट को बंद कराकर वहां दीवार चलवा दी। जिसके बाद शहीद स्थली तक पहुंचने के लिए जेल के भीतर से होकर जाना पड़ता था। समाजसेवी संगठनों और आमजन ने जेल प्रशासन के फैसले का विरोध करते हुए जिला प्रशासन से इसे खोलने की गुहार लगाई थी। लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
ऐसे मुक्‍त हुई शहीद स्‍थली
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन के संस्थापक बृजेश त्रिपाठी और भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने गोरखपुर जेल पहुंचकर जाच कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी। जिसके बाद 19 दिसंबर से पहले शहीद स्थली का गेट खोलने का निर्णय लिया गया था। इस तरह से होगा काम पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का शहीद स्थल, शहीद स्मारक, शहीद उद्यान और बिस्मिल कोठरी को आमजन के लिए खोला जाएगा। जेल की मुख्य दीवार पर एक ग्रिल गेट और शटर गेट लगवाया जाएगा। अंदर प्रवेश करने के बाद आगे एल सेव में बिस्मिल कोठरी तक जाने का रास्ता बनेगा। यह रास्ता भी पूरी तरह से कवर होगा। पंडित बिस्मिल के व्यक्तित्व और गौरवगाथा के प्रचार-प्रसार के लिए दीवारों पर अंकन कराया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के जरिए शहीद के बारे में आमजन को बताया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से गेट और परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
जेल में बांटी मिठाई, मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
शहीद स्थली का गेट खुलने की सूचना पर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन समिति के संस्थापक बृजेश त्रिपाठी और सदस्य जिला कारागार पहुंच गए। शहीद स्थली पहुंचकर खुशी का इजहार करते हुए मिठाई बांटी। सहयोग के लिए मुख्यमंत्री, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष और जेल प्रशासन का आभार जताया।

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