Move to Jagran APP

एक ऐसा ट्रामा सेंटर, जहां न सुविधाएं न सर्जन, डाक्टर भी नहीं मिलते अस्पताल में

गोरखपुर जिले में इकलौता ट्रामा सेंटर है वह भी अपंग है। बीआरडी मेडिकल कालेज का ट्रामा सेंटर जिस उद्देश्य से खोला गया था वह पूरा नहीं हो पा रहा है। यहां न्यूरो सर्जन जनरल सर्जन आर्थो सर्जन व बेहोशी के डाक्टर भी नहीं रहते हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 12:52 PM (IST)
एक ऐसा ट्रामा सेंटर, जहां न सुविधाएं न सर्जन, डाक्टर भी नहीं मिलते अस्पताल में
मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में नहीं हैं सुविधाएं। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर जिले में इकलौता ट्रामा सेंटर है, वह भी अपंग है। बीआरडी मेडिकल कालेज का ट्रामा सेंटर जिस उद्देश्य से खोला गया था, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर की तो बात दूर, न्यूरो सर्जन, जनरल सर्जन, आर्थो सर्जन व बेहोशी के डाक्टर भी नहीं रहते हैं। इससे मरीजों को तत्काल कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। रेजीडेंट डाक्टरों से काम चलाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर सर्जन आनकाल बुलाए जाते हैं, जबकि ट्रामा में 24 घंटे इनकी मौजूदगी जरूरी है। सुविधाएं भी नहीं हैं। 10 बेड का आइसीयू है, जिसमें केवल छह वेंटीलेटर काम कर रहे हैं। वहां अल्ट्रासाउंड व डिजिटल एक्सरे मशीन भी नहीं है। यह दोनों जांच कराने के लिए मरीजों को पुरानी इमरजेंसी में ले जाना पड़ता है, वह भी रात 10 बजे के बाद बंद हो जाती है।

loksabha election banner

2012 में पूर्ण हुआ मेडिकल कालेज का ट्रामा सेंटर

मेडिकल कालेज में ट्रामा सेंटर निर्माण 2008 में शुरू हुआ जो 2012 में पूर्ण हुआ। 2010 में ही चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ समेत 126 कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। आर्थो सर्जरी, जनरल सर्जरी, एनेस्थीसिया के चार-चार, न्यूरो सर्जरी के एक डाक्टर व कैजुअल मेडिकल आफिसर के रूप में आठ डाक्टरों को तैनात करने की योजना बनी। डाक्टरों ने सहमति भी दी, लेकिन एक-दो लोग ही आए और कुछ दिन बाद चले गए। 2012 में मेडिकल कालेज के नेहरू अस्पताल के चिकित्सकों से ट्रामा की शुरुआत की गई। आज ट्रामा पूरी तरह इमरजेंसी में तब्दील हो चुका है। स्थिति यह है कि न्यूरो सर्जरी का मरीज आने पर उसे तत्काल लखनऊ के लिए रेफर कर दिया जाता है। दो बेड के बीच एक एनेस्थेटिस्ट होना चाहिए, लेकिन ट्रामा में एक भी एनेस्थेटिस्ट नहीं हैं। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व एमआरआइ की सुविधा भी ट्रामा में नहीं है, इसके लिए मरीजों को पुरानी इमरजेंसी जाना पड़ता है। ट्रामा में केवल मैनुअल एक्सरे की 24 घंटे सुविधा है।

सभी सुविधाएं हैं ट्रामा में

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने कहा कि ट्रामा में जरूरत पड़ने पर संबंधित विभागों के डाक्टर मरीजों को देखते हैं। ट्रामा मेडिकल कालेज से अलग नहीं है, वह कालेज का ही हिस्सा है। वहां सभी सुविधाएं हैं, उन्हें और बेहतर किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.