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सीएम सख्‍त हुए तो पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा अपना ही सब इंस्‍पेक्‍टर, जानें- क्‍या है मामला

गोरखपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामशरण श्रीवास्तव से रंगदारी मांगने के आरोप में सब इंस्‍पेक्‍टर शिव प्रकाश सिंह और एक कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:47 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 07:28 AM (IST)
सीएम सख्‍त हुए तो पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा अपना ही सब इंस्‍पेक्‍टर, जानें- क्‍या है मामला
सीएम सख्‍त हुए तो पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा अपना ही सब इंस्‍पेक्‍टर, जानें- क्‍या है मामला

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के प्रतिष्ठित मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामशरण श्रीवास्तव को जेल भेजने की धमकी देकर आठ लाख रुपये रंगदारी वसूलने में ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज सब इंस्‍पेक्‍टर शिव प्रकाश सिंह और एक कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया। कथित पत्रकार खुद को सिटी वन चैनल से जुड़े होने का दावा करता था। आरोप है कि एक महिला से दुष्कर्म की झूठी तहरीर लेकर चौकी इंचार्ज और कथित पत्रकार ने डाक्टर से दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी और आठ लाख रुपये वसूल लिए।

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एसएसपी के निर्देश पर चौकी इंचार्ज, कथित पत्रकार और झूठी तहरीर देने वाली महिला के विरुद्ध मंगलवार को दिन में राजघाट थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद देर शाम दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। न्यायिक अभिरक्षा में उन्हें जेल भेज दिया गया है। महिला की तलाश की जा रही है।

डॉ. रामशरण श्रीवास्तव को पिछले कई दिन से चौकी इंचार्ज ने फोन कर रंगदारी के लिए दबाव बनाया था। डॉक्टर से फोन पर बातचीत के दौरान चौकी इंचार्ज यह दावा कर रहे थे कि ज्योति सिंह नाम की एक महिला ने उन्हें प्रार्थना पत्र देकर उन पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। चौकी इंचार्ज मुकदमा दर्ज कर डॉक्टर को जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। आरोप है कि खुद को पत्रकार बताने वाला प्रणव त्रिपाठी नाम का युवक भी रंगदारी वसूलने में शामिल था। रंगदारी वसूलने के लिए चौकी इंचार्ज और कथित पत्रकार कई बार डॉक्टर के क्लिनिक पर भी पहुंचे थे।

परेशान डाक्टर ने पत्नी के साथ 19 मई को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसकी शिकायत की थी। अपने आरोपों की पुष्टि के लिए प्रार्थना पत्र के साथ उन्होंने चौकी इंचार्ज से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकार्डिंग और क्लिनिक में आकर आठ लाख रुपये रंगदारी वसूलने की सीसीटीवी फुटेज भी मुख्यमंत्री को दिया था। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने एसएसपी को तलब कर मामले की जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बाद में सहायक पुलिस अधीक्षक, कैंपियरगंज से मामले की जांच कराए जाने पर जांच में शिकायत सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

एसएसपी का आदेश मिलते ही राजघाट पुलिस ने इस मामले में चौकी इंचार्ज सहित तीनों आरोपितों के विरुद्ध, आपराधिक मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर रंगदारी वसूलने और आपराधिक षडयंत्र रचने सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज लिया। इसके बाद पुलिस ने चौकी इंचार्ज और उसके सहयोगी कथित पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया। दुष्कर्म की झूठी तहरीर देने वाली महिला ज्योति सिंह की तलाश में छापेमारी चल रही है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

चार माह पहले इसी चौकी इंचार्ज पर कपड़ा व्यवसायी को जेल भेजने की धमकी देकर रुपये वसूलने का आरोप लगा था। हालांकि बाद में यह मामला रफादफा हो गया था। इससे पहले उरुवा थाने में तैनात दो दारोगा युवक से रंगदारी मांगने के आरोप में जेल भेजे गए थे।

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