गोरखपुर विश्वविद्यालय का हास्टल खाली न करने वाले छात्र निष्कासित किए जाएंगे Gorakhpur News
कुलपति के निर्देश के मुताबिक यदि कोई भी छात्र हास्टल खाली करने में आनाकानी करेगा तो अभिरक्षक उनके घर पत्र भेजवाएंगे। अगर उसके बाद भी छात्र ने कमरा खाली नहीं किया तो उसके निष्कासन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हास्टल खाली कराए जाने को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसे लेकर कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कड़े फैसले लिए हैं। कुलपति के निर्देश के मुताबिक यदि कोई भी छात्र हास्टल खाली करने में आनाकानी करेगा तो अभिरक्षक उनके घर पत्र भेजवाएंगे। अगर उसके बाद भी छात्र ने कमरा खाली नहीं किया तो उसके निष्कासन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
हास्टलों के अभिरक्षकों की बैठक
इसे लेकर कुलपति ने सभी हास्टलों के अभिरक्षकों की बैठक बुलाई और हास्टल खाली कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए। बैठक में छात्रावास आवंटन के लिए विद्यार्थी की मेरिट को आधार बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। वहीं शीतकालीन छुट्टियों के दौरान छात्रावासों को पूरी तरह से खाली कराने पर सहमति बनी। कुलपति ने यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक छुट्टियों में छात्रावासों को पूरी तरह से खाली कराकर सैनिटाइज कराने का निर्देश दिया।
सैनिटाइज कराए जाएंगे हास्टल के सभी कमरे
सभी छात्रावास के अभिरक्षकों से कहा कि वे छात्रों की सुरक्षा के लिए शीतकालीन छुट्टियों में हास्टल खाली कराकर उसको अच्छी तरह से सैनिटाइज कराने की व्यवस्था करें। जो छात्र अपना कक्ष खाली नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें। बैठक में सभी अभिरक्षकों के अलावा अधीक्षक, मुख्य नियंता और अधिष्ठाता छात्र कल्याण मौजूद रहे।
कोरोना के दूसरे रूप को लेकर विश्वविद्यालय भी सचेत
उल्लेखनीय है कि कोरोना के दूसरे रूप को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन भी काफी सचेत है। इसी कारण वह छात्रावासों को खाली कराकर उसे सैनिटाइज कराने की तैयारी में लगा हुआ है। सैनिटाइज के बाद छात्रावास कुछ दिनों के लिए बंद रहेंगे। ताकि छिड़काव का असर कमरे में हो सके। उसके बाद ही उसमें छात्रों को रहने दिया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण बतायी जा रही है। बैठक में यह भी कहा गया है कि छात्रावासों की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ताकि छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी न होने पाए।