Coronavirus Lockdown : यहां WhatsApp पर चल रही छात्रों की पाठशाला- होमवर्क भी ऑनलाइन Gorakhpur News
लॉकडाउन के दौरान बच्चों का पठन-पाठन बाधित न हो इसको देखते हुए शहर के कई निजी विद्यालय वाट्सएप व एप के जरिये कक्षाएं संचालित कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान बच्चों का पठन-पाठन बाधित न हो इसको देखते हुए शहर के कई निजी विद्यालय वाट्सएप व एप के जरिये कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। बच्चे घर बैठे ही जहां शिक्षकों से सवाल कर उनका जवाब लेते हैं वही मोबाइल के जरिये मिले होमवर्क को भी हल करते हैं। जागरण से बातचीत में कई शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के तरीके बताएं।
स्कूल मित्रा एप के जरिये हो रही पढ़ाई
स्कूल मित्रा एप के जरिये सुबह 8 से 8.30 के बीच कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को मोबाइल पर होमवर्क दे दिया जाता है। सभी बच्चे इस एप से जुड़े हुए हैं ऐसे में करना ही सीखना है के आधार पर विभिन्न गतिविधियों पर आधारित होमवर्क अधिक दिए जाते हैं। गणित में सीबीएसई तथा अंग्रेजी में व्याकरण पर आधारित होमवर्क भी छात्रों को हम देते हैं। 9 से 11 कक्षा के छात्र अपने विषय के संबंधित शिक्षक से वाट्सएप ग्रुप व व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए हैं। जरूरत पडऩे अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी वह इसी पर ही करते हैं। सीबीएसई की वेबसाइट पर जो ई-कंटेंट उपलब्ध हैं शिक्षक समय-समय पर उसे भी बताने का प्रयास कर रहे हैं। बच्चों को सलाह दी जाती है कि सीबीएसई के वस्तुनिष्ठ पाठ्यक्रम के अनुसार अपनी तैयारी करें। विभिन्न प्रकाशकों की साइड बुक्स भी पढऩे की सलाह की दी जाती है। - उषा बरतरिया, प्रधानाचार्य, पिलर्स पब्लिक स्कूल
छात्रों को शिक्षकों की कमी न खले इसके लिए आजकल मैं स्वयं कई छात्रों के संपर्क में हूं। वाट्सएप पर उन्हें पढ़ा रहा हूं। उनकी जिज्ञासाओं को शांत कर रहा हूं, ताकि विद्यालय बंद होने के कारण उनका पठन-पाठन प्रभावित न हो। छात्र ई-लर्निंग के माध्यम से अपना अधूरा पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं। इस तरह न सिर्फ व लॉकडाउन का पालन कर सकेंगे बल्कि घर बैठे पढ़ाई कर सकेंगे। - राजीव रंजन सिंह, प्रधानाचार्य, आरपीएम एकेडमी, कौड़ीराम।
वाट्सएप ग्रुप के जरिये जरूरतमंदों तक पहुंच रहा राशन
मुसीबत के इस घड़ी में वाट्सएप ग्रुप जरूरतमंदों की मदद का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। इन ग्रुप के जरिये न सिर्फ एक घंटे के अंदर खाने-पीने की चीजें मुहैया कराई जा रही है बल्कि बच्चों के लिए दूध और बीमारों को दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। एक-एक ग्रुप में 50 से लेकर 200 तक सदस्य हैं। शनिवार की सुबह 'जरूरतमंद की खिदमत' के नाम से बने ग्रुप पर एक मैसेज आया कि दुर्गाबाड़ी चौराहे पर चाट बेचने वाले झांसी के तुुलसीराम समेत पांच लोग फंसे हुए हैं। उनका राशन खत्म हो गया है। संदेश मिलते ही आधे घंटे के अंदर बेनीगंज से तुलसीराम और उनकी टीम के लिए दाल, चावल, आटा, आलू और प्याज पहुंच गया है। इसी तरह इस ग्रुप ने अजय नगर रसूलपुर के सादिक, रमेश और हामिद तथा हुमायूंपुर के राम प्रसाद की मदद की। टीम प्रतिदिन पचास से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा जा रही है। ग्रुप एडमिन अहमद के मुताबिक जरूरतमंदों के बारे में सूचना मिलते ही उस इलाके में रहने वाले साथियों को सूचना दी जाती है ताकि वह रोजमर्रा की चीजें पहुंचा दें। इस नेक काम में बहुत सारे लोग मदद कर रहे हैं। पूरे शहर में मदद के लिए पचास से ज्यादा वाट्सएप ग्रुप सक्रिय हैं।