विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष की परीक्षा के विरोध में छात्रों ने किया बुद्धि-शुद्धि यज्ञ Gorakhpur News
छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को यदि प्रोन्नत नहीं किया गया तो हम सभी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। स्नातक व परास्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष की तर्ज पर अंतिम वर्ष के छात्रों को भी प्रोन्नत करने की मांग को लेकर छात्रों ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर छात्र नेता मनीष ओझा के नेतृत्व में एचआरडी मंत्रालय व यूजीसी की सद्बुद्धि के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। पंडित प्रबोध पांडेय ने मंत्रोच्चारण के बीच बुद्धि-शुद्धि यज्ञ संपन्न कराया। इस दौरान छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप
इस अवसर पर छात्रनेता मनीष ओझा ने कहा कि जिस तरह से हमलोगों के प्रयास से स्नातक व परास्नातक के प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत किया गया, उसी तरह से अंतिम वर्ष के छात्रों को भी प्रोन्नत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि इस बारे में कई बार कुलपति से आग्रह किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सरकार प्रोन्नत न करके तानाशाही रवैया अपना रही है। यही कारण है कि आज हम सभी को बुद्धि-शुद्धि यज्ञ करना पड़ा।
एचआरडी मंत्रालय को भी भेजा गया था ज्ञापन
छात्र नेताओं ने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत करने के लिए एचआरडी मंत्रालय को एक ज्ञापन भी कुछ दिन पहले भेजा गया था, जिसमें हमने अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को एक मानक 56 से 57 फीसद का बनाकर उत्तीर्ण करने हेतु कहा गया था, ताकि छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब न हो। बावजूद इसके सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
छात्र नेता नारायण दत्त पाठक व प्रकर्ष पांडेय ने संयुक्त रूप से कहा कि अभी तक अनुरोध किया जाता रहा। लगता है कि सरकार अनुरोध करने की पात्र नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को यदि प्रोन्नत नहीं किया गया तो हम सभी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से राज उपाध्याय, प्रबोध पांडेय, सतीश प्रजापति, विपुल सरोज, निलेश पांडेय आदि मौजूद रहे।
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