Ayodhya Case Verdict 2019 : गोरखपुर में अफसर गश्त पर,सुरक्षा के कड़े इंतजाम, अयोध्या पर विवादित आडियो डालने पर ग्रुप एडमिन गिरफ्तार , अल्लापुर में आरती और भगवानपुर में अजान Gorakhpur News
अयोध्या पर फैसला आने से पहले और फैसला आने के बाद से लेकर गोरखपुर जिले में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच विवादित ऑडियो जारी करने पर एक ग्रुप एडमिन गिरफ्तार हो गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद गोरखपुर में पुलिस व प्रशासनिक अफसर जिले के संवेदनशील इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं। जगह-जगह पुलिस व मजिस्ट्रेटों की तैनाती के कारण माहौल शांतिपूर्ण है। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने का निर्देश दिए जा रहे हैं। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर व एडीजी जय नारायण सिंह गोरखनाथ मंदिर, गोलघर, घंटाघर, मुख्य बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। मंडलायुक्त ने बताया कि मंडल में सभी प्रशासनिक अधिकारी गश्त पर हैं। अयोध्या फैसले से पहले गोरखपुर में वाट्सएप ग्रुप पर विवादित ऑडियो डालना एक ग्रुप एडमिन को महंगा पड़ गया। साइबर टीम की पहल के बाद सहजनवां पुलिस ने भरपही निवासी ग्रुप एडमिन शकील अहमद उर्फ छोटानी को गिरफ्तार कर लिया है। अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। वहीं सिद्धार्थनगर जिले का भगवानपुर व अल्लापुर गांव दशकों से सौहार्द का पैगाम दे रहा है। भगवानपुर से अजान गूंजती है तो अल्लापुर से आरती। 1500 की आबादी वाला भगवानपुर मुस्लिम बाहुल्य है तो 1600 की आबादी वाला अल्लापुर हिंदू बाहुल्य गांव है। दोनों गांव के लोगों में दोस्ती इतनी कि उन्होंने एक दूसरे के धर्म पर गांवों का नाम रख दिया।
गोरखपुर में अफसर गश्त पर, सुरक्षा-व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए रखने का निर्देश
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद गोरखपुर में पुलिस व प्रशासनिक अफसर जिले के संवेदनशील इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं। जगह-जगह पुलिस व मजिस्ट्रेटों की तैनाती के कारण माहौल शांतिपूर्ण है। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने का निर्देश दिए जा रहे हैं। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर व एडीजी जय नारायण सिंह गोरखनाथ मंदिर, गोलघर, घंटाघर, मुख्य बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। मंडलायुक्त ने बताया कि मंडल में सभी प्रशासनिक अधिकारी गश्त पर हैं। डीएम-एसएसपी भी लगातार भ्रमण कर स्थितियों पर नजर रखें हुए हैं। जनजीवन सामान्य है। दुकानें खुली हैं। वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है। सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मंडलायुक्त गश्त के दौरान रुककर आम जनता से मिलकर शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। फैसला सुनाए जाने के दिन भी लोगों की दिनचर्या सामान्य ढंग से शुरू हो रही है। बाजारों में रोज की सुबह की तरह आवाजाही है।
गोरखपुर में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बुलाई गई पैरा मिलीट्री फोर्स, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गोरखपुर में अयोध्या मामले में शनिवार को फैसला सुनाए जाने के दिन भी लोगों की दिनचर्या सामान्य ढंग से शुरू हो रही है। बाजारों में रोज की सुबह की तरह आवाजाही है। दुकानें और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान रोज की तरह ही खुल रहे हैं। चौराहों पर भी सामान्य दिनों की ही तरह पुलिस तैनात है लेकिन पुलिसवाले अतिरिक्त सतर्कता जरूर बरत रहे हैं। चाय-पान की दुकानों पर संभावित फैसले को लेकर हल्की-फुल्की बहस-मुबाहिस जरूर जारी है।
गोरखपुर में अयोध्या को लेकर विवादित आडियो डालने पर ग्रुप एडमिन गिरफ्तार
अयोध्या फैसले से पहले गोरखपुर में वाट्सएप ग्रुप पर विवादित ऑडियो डालना एक ग्रुप एडमिन को महंगा पड़ गया। साइबर टीम की पहल के बाद सहजनवां पुलिस ने भरपही निवासी ग्रुप एडमिन शकील अहमद उर्फ छोटानी को गिरफ्तार कर लिया है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आने वाले फैसले को लेकर शासन प्रशासन काफी सख्त है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर साइबर टीम की तरफ से लगातार निगरानी भी की जा रही है। साथ ही पुलिस प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार क्षेत्र में मार्च कर रही है। गोरखपुर के सहजनवा थाना क्षेत्र के पाली ब्लॉक में आने वाले ग्राम सभा भरपही निवासी शकील अहमद उर्फ छोटानी पुत्र हुक्म अली पावर जंक्शन नाम से एक वाट्सएप ग्रुप चलाता है। शासन की सख्ती के बाद भी ग्रुप में शनिवार की सुबह करीब 9.30 बजे विवादित ऑडियो डाल दिया।
इनकी यही पहचान, अल्लापुर में आरती, भगवानपुर में अजान
अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। वहीं सिद्धार्थनगर जिले का भगवानपुर व अल्लापुर गांव दशकों से सौहार्द का पैगाम दे रहा है। भगवानपुर से अजान गूंजती है तो अल्लापुर से आरती। 1500 की आबादी वाला भगवानपुर मुस्लिम बाहुल्य है तो 1600 की आबादी वाला अल्लापुर हिंदू बाहुल्य गांव है। दोनों गांव के लोगों में दोस्ती इतनी कि उन्होंने एक दूसरे के धर्म पर गांवों का नाम रख दिया।
गोरखपुर में 609 डग्गामार गाडि़यां और रोडवेज की 712 बसें, बताएं-सरकार की कैसे हो आमदनी
गोरखपुर में डग्गामार बसें बेलगाम होकर सड़कों पर दौड़ रही हैं और इन्हें रोकने वाले मौन हैं। गोरखपुर परिक्षेत्र में चल रही ऐसी 609 गाडिय़ां यात्रियों से मनमाना किराया वसूलकर निगम को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा रही हैं। परिवहन निगम ने ऐसी बसों की धरपकड़ के लिए शासन और परिवहन विभाग को जानकारी दी है, लेकिन किसी ने इस पर संज्ञान लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 712 बसें परिक्षेत्र में चल रही हैं, जिसमें 253 अनुबंधित हैं। इन्हीं बसों की आड़ में डग्गामार वाहन भी बेखौफ होकर सवारी ढोने में लगे हैं। इनकी धरपकड़ के लिए निगम ने डग्गामार वाहनों की जो सूची तैयार की है उसमें 327 बड़ी अनाधिकृत बसें गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर चल रहीं हैं। बरगदवा के रास्ते गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर 111 जबकि गोरखपुर-कसया मार्ग पर 171 बसों का संचालन हो रहा है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर से लखनऊ के बीच रोजाना दर्जनों एसी टैंपो ट्रेवेलर भी चल रही है।