अब नहीं चल पाएगी व्यापारियों की चालाकी
गोरखपुर के व्यापारी यदि किसी ट्रांसपोर्टर के गोदाम में माल रखेंगे तो उसे व्यापार स्थल घोषित करना पड़ेगा। यहां पर मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।
गोरखपुर, (जेएनएन)। ट्रांसपोर्टर के गोदाम में माल डंप करने की व्यापारियों की चालाकी अब नहीं चल पाएगी। वाणिज्य कर विभाग ने ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इन व्यापारियों को ट्रांसपोर्टर के गोदाम को अतिरिक्त व्यापार स्थल के रूप में घोषित करना होगा। साथ ही यहां से माल भेजे जाने पर ई वे बिल भी जेनरेट करना होगा। भले ही व्यापारी माल खुद के गोदाम या शोरूम में ले जा रहे हों। भारत सरकार के राजस्व विभाग ने अब माल के भंडारण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
अभी कई व्यापारी ट्रांसपोर्ट से माल मंगाने के बाद इसे कई दिनों तक गोदाम से ले ही नहीं जाते हैं। कई व्यापारी यहीं से माल बेच भी देते हैं। साथ ही गोदाम से जरूरत के अनुसार माल मंगाते हैं। ऐसे माल की जांच में वाणिज्य कर विभाग को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यापारी के गोदाम की जांच में मंगाए गए माल का रिकॉर्ड न होने के कारण वाणिज्य कर विभाग को स्टाक का पता ही नहीं चल पाता था। नई व्यवस्था में ट्रांसपोर्टरों का गोदाम भी चेक किया जाएगा। यदि यहां किसी व्यापारी का माल पड़ा है तो उस व्यापारी को इस जगह को अस्थाई गोदाम के रूप में घोषित करना पड़ेगा। तो ट्रांसपोर्टरों पर लगेगा 18 फीसद टैक्स व्यापारियों के माल से ट्रांसपोर्टरों के गोदाम भरे पड़े हैं।
वाणिज्य कर विभाग की जांच में हर जगह से इसकी पुष्टि होती रही है। गोरखपुर में भी यही हाल है। व्यापारी को खुश करने के लिए ट्रांसपोर्टर माल रखने से मना भी नहीं कर पाते। अब गोदाम को अतिरिक्त व्यापार स्थल घोषित करना होगा। बिना ट्रांसपोर्टर की अनुमति के ऐसा संभव नहीं है। यदि ट्रांसपोर्टर ने अनुमति दी तो वाणिज्य कर विभाग इसे सेवा मानते हुए ट्रांसपोर्टर पर 18 फीसद टैक्स लगा देगा। माल को अघोषित मान लिया जाएगा इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर बीएन द्विवेदी का कहना है कि भारत सरकार के राजस्व विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि व्यापारी अपना माल ट्रांसपोर्टर के गोदाम में स्टोर करता है तो उसे ट्रांसपोर्टर के इस गोदाम को अपना अतिरिक्त व्यापार स्थल घोषित करना होगा। यदि ऐसा न हुआ तो माल को अघोषित मान लिया जाएगा। नई व्यवस्था का अनुपालन शुरू करा दिया गया है।