दुकानों के काउंटर में छिपे हैं पीडब्ल्यूडी का निशानी पत्थर
बड़े और राजनीतिक रसूख वालों का सरकारी जमीन पर अधिक कब्जा है। कहीं पेट्रोल पंप वाले कब्जा करके बैठे हैं तो कहीं आधा दर्जन होटल और ढाबे वाले। हालत तो इतनी खराब है कि होटल के सामने पार्किंग स्थल भी नहीं हैं और उन्हें चलाने की इजाजत भी प्रशासन ने दे रखी है।
सिद्धार्थनगर : शहर की मुख्य सड़क की चौड़ाई कागज में 110 फीट है, लेकिन मौके पर 60 तो कहीं 70 फीट सड़क बची है। सबसे अधिक वह व्यापारी सड़क की पटरी को निगल गए, जो अब तक के चेयरमैन के करीबी थे। कुछ तो उनके रिश्तेदार भी हैं, जिन्होंने अपनी हवेली खड़ी कर ली है। होटल भी बनवा लिए हैं। उनकी दुकानों में पीडब्ल्यूडी के निशानी पत्थर छिपे हैं।
बड़े और राजनीतिक रसूख वालों का सरकारी जमीन पर अधिक कब्जा है। कहीं पेट्रोल पंप वाले कब्जा करके बैठे हैं तो कहीं आधा दर्जन होटल और ढाबे वाले। हालत तो इतनी खराब है कि होटल के सामने पार्किंग स्थल भी नहीं हैं और उन्हें चलाने की इजाजत भी प्रशासन ने दे रखी है। कैसे और क्यों, यह जांच का विषय है। नगर के मुख्य सड़क पर भी यहां के लोगों ने मकान बना लिया है। यहां बाइक व साइकिल से चलना तो दूर पैदल भी नहीं चल सकते हैं। इस बाजार में रोजाना करीब 40 से 50 लाख रुपये का व्यापार होता है। पीडब्ल्यूडी के निशानी पत्थर पर दुकानदारों का कब्जा होने के कारण किसी को मालूम ही नहीं चलता है कि पीडब्ल्यूडी की चौहद्दी कहां तक है। नगर के प्राचीन बाजार में कपड़े वाली गली भी शामिल है। जनपद स्थापना से पूर्व के इस बाजार में कपड़ों के शोरूम बने हैं। करीब आठ माह पूर्व सड़क चौड़ीकरण अभियान संचालित होने से पहले नगर पालिका ने नाप कराई थी। सड़क के किनारे बनी दुकानों ने आगे बढ़कर निर्माण कराया है। एक शोरूम के मालिक ने तीन मंजिला मकान भी खड़ा कर दिया है। नगर पालिका प्रशासन ने नाप करने के बाद इस मकान पर लाल निशान भी लगाया है। इस बाजार के बाहर विद्युत विभाग का ट्रांसफार्मर लगा है। इससे सिद्धार्थ तिराहा के पास सड़क सकरी हो गई है। एक होटल मालिक ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। इसे नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाने से संबंधित नोटिस भेजा है।
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अभी हाइडिल तिराहा से बांसी टैक्सी स्टैंड तिराहा तक अभियान संचालित किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए दो बुलडोजर लगे हैं। अतिक्रमण कारी कितने भी प्रभावशाली हों, किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। क्योंकि यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। कपड़े वाली गली को भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। अगर सरकारी भूमि पर पक्का निर्माण किया गया है तो उसे भी ध्वस्त किया जाएगा।
विकास कश्यप
एसडीएम सदर व ईओ