दूसरे जिलों में भी लागू होगा गोरखपुर का 'स्टेशनरी मॉडल Gorakhpur News
किताबों को लेकर बच्चों की परेशानी जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के संज्ञान में आई तो उन्होंने एक मॉडल तैयार किया। इसमें स्टेशनरी के 14 डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क कर उन्हें जोड़ा गया।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में लोगों के घर तक तक जरूरी सामान पहुंचाने के मामले में पहचान बना चुके गोरखपुर की शान में और इजाफा हुआ है। ऑनलाइन पढ़ाई के बीच बच्चों को कॉपी व किताब पहुंचाने के लिए शहर में 'स्टेशनरी मॉडल लागू किया गया है। यहां पर इस व्यवस्था को काफी सराहना मिली है। क्योंकि बच्चों को कापी और किताब मिल रहा है।
जिलों में भेजा गया माडल
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल के प्रयासों से शुरू इस व्यवस्था को देश के दूसरे जिले भी लागू करने की तैयारी है। जिलों की ओर से मांग करने के बाद उन्हें इस मॉडल का प्रेजेंटेशन भेजा गया है। ताकि वह भी इसी तरह का उपाय कर सकें।
लॉकडाउन में लोगों के घर पहुंच रही स्टेशनरी
किताबों को लेकर बच्चों की परेशानी जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के संज्ञान में आई तो उन्होंने एक मॉडल तैयार किया। इसमें स्टेशनरी के 14 डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क कर उन्हें जोड़ा गया और पांच ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए गए। सोमवार तक करीब 23 हजार लोगों तक इस व्यवस्था के तहत किताबें-स्टेशनरी पहुंच चुकी है। तीन मई तक सभी बच्चों तक स्टेशनरी पहुंचाने का लक्ष्य है।
सुरक्षा का पूरा ध्यान
डिलीवरी के समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। डिलीवरी करने वाले को मास्क, ग्लव्स व टोपी पहनना अनिवार्य है। सुबह व शाम को उनका तापमान जांचा जाता है।
53 से अधिक जिलों में लागू करने की तैयारी
प्रदेश के लखनऊ, आगरा, कानपुर, मेरठ आदि सहित असम, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु व केरल राज्यों के करीब 53 जिलों में यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है।
केंद्र सरकार को भी भेजा गया प्रजेंटेशन
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि स्टेशनरी मॉडल को लेकर कई जिलों से जानकारी मांगी गई है, उन्हें प्रेजेंटेशन भेजा गया है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर मॉडल की भी मांग बढ़ी है। कई राज्यों सहित भारत सरकार के पेट्रोलियम, वाणिज्य, स्किल डेवलपमेंट एवं जलशक्ति मंत्रालय को प्रेजेंटेशन भेजा जा चुका है।