सोनौली बार्डर के पास घूम रहे तीन चीनी नागरिकों को एसएसबी ने पकड़ा Gorakhpur News
कोतवाल आशुतोष सिंह ने बताया कि एसएसबी द्वारा तीन चीनी नागरिकों को रोका गया है। पूछताछ चल रही है। इनके सभी कागजात वैध मिले हैं। दूतावास के निर्देश पर इन्हें छोड़ा जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा के सोनौली कस्बे में घूम रहे तीन चीनी नागरिकों को एसएसबी ने पकड़ लिया और पूछताछ के लिए सोनौली स्थिति एसएसबी कैंप पर ले गए। चीनी नागरिकों से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही है।
चीनी नागरिक सोनौली बार्डर से नेपाल में करना चाहते थे प्रवेश
चीनी नागरिकों ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर बार्डर सील हो गया हैं। चीन जाने के हवाई मार्ग भी बंद होने से वह कई माह से भारत में फंसे हैं। कुछ लोगों ने उन्हें बताया था कि वह सोनौली बार्डर के रास्ते नेपाल जा सकते हैं, इसलिए वह नेपाल जाने के लिए सोनौली बार्डर पर आ गए। लेकिन आव्रजन विभाग द्वारा प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। तो वह सौनौली में ही टहलने लगे। जैसे ही वे एसएसबी रोड पर पहुंचे। उन्हें पूछताछ के लिए एसएसबी जवानों ने रोक लिया। चीनी नागरिकों ने अपना नाम हुआंग वीपिंग, हुआंग सेन, वू सोंगमिंग निवासी चीन बताया है। कोतवाल आशुतोष सिंह ने बताया कि एसएसबी द्वारा तीन चीनी नागरिकों को रोका गया है। पूछताछ चल रही है। इनके सभी कागजात वैध मिले हैं। दूतावास के निर्देश पर इन्हें छोड़ा जाएगा।
सरहद की निगहबानी के लिए स्थापित वाच टावर बदहाल
भारत-नेपाल की सोनौली सीमा आए दिन किसी न किसी बात को लेकर संवेदनशील हो जाती है। इधर स्वतंत्रता दिवस को लेकर सतर्कता बढऩे लगी है। लेकिन इस सतर्कता को बदहाल वाच टावर मुंह चिढ़ा रहें हैं। वर्षों पहले नेपाल में माओवादियों के उग्र आंदोलन को देखते हुए शासन के निर्देश पर सोनौली व संपतिहा चौकी पर लाखों की लागत से वाच टावर स्थापित किया गया। जो अब शोपीस बना हुआ है। जिस पर न तो किसी पुलिस कर्मी की तैनाती है और न ही विभाग ने उस पर ध्यान दिया। यह स्थिति देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद ही विभाग की निगाह टावर के रख रखाव पर कभी पड़ी होगी। क्षेत्राधिकारी रणविजय ङ्क्षसह ने बताया कि संपत्तिहा व सोनौली पुलिस चौकी में स्थापित टावर की सफाई व उसके रंग-रोगन कराया जाएगा। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ड्यूटी लगाई जाएगी।