गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान से मनाई जाएगी जन्माष्टमी, सीएम रहेंगे मौजूद Gorakhpur News
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मंदिर मेें होने वाली श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पूजा में मौजूद रहेंगे। रात 12 बजे वह जन्मोत्सव का पारंपरिक पूजन करेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर में जन्माष्टमी की पर्व हर बार की तरह ही श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में विधि-विधान के साथ मनाया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालुओं की मौजूदगी सीमित ही रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मंदिर मेें होने वाली श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पूजा में मौजूद रहेंगे। रात 12 बजे वह जन्मोत्सव का पारंपरिक पूजन करेंगे और फिर मंगल ध्वनि, सोहर और भजन के बीच भगवान कृष्ण को गर्भगृह से प्रार्थना मंडप तक लाकर झूला झुलाएंगे।
मुख्यमंत्री ने मौजूद रहने की दी संस्तुति
मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक मंदिर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आयोजन में मौजूद रहने को लेकर अपनी संस्तुति दे दी है। प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने आनुष्ठानिक पूजा-अर्चना के लिए वेदपाठी ब्राह्मणों को सहेज दिया है। मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ ने कहा कि पारंपरिक पूजा से जुड़ी सभी सामग्री जुटाई जा रही है। इस अवसर पर गुरू गोरक्षनाथ दरबार केे प्रार्थना सभागार में भजन संध्या में आयोजित की जाएगी। भजनों की प्रस्तुति की जिम्मेदारी हमेशा की तरह लोक गायक राकेश श्रीवास्तव और उनकी टीम की होगी। राकेश ने बताया कि उनके भजन कार्यक्रम की तैयारी के निर्देश मिल चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष नृत्य नाटिका और झांकियां नहीं सजेंगी। ऐसा कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है।
कृष्णरूप सज्जा प्रतियोगिता रहेगी स्थगित
मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि दो दशक से आयोजित हो रही श्रीकृष्ण सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन इस बार नहीं होगा। हर वर्ष जन्माष्टमी पर बच्चे अपने माता-पिता के साथ भगवान कृष्ण का रूप धरकर आते थे, जिनके साथ मुख्यमंत्री खेलते और दुलार करते हैं। बेहतर रूप धरने वाले बच्चे मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत भी किए जाते थे।
11 को मनाई जाएगी जन्माष्टमी
भाद्रपद कृष्ण पक्ष के अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। चूकि सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 6:14 बजे समाप्त हो रही है और उसके बाद अष्टमी तिथि प्राप्त हो रही है, जो 12 अगस्त की सुबह 6:15 बजे तक रहेगी। ऐसे में जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी। उदयातिथि के 12 अगस्त को होने के चलते वैष्णव जन यह पर्व 12 अगस्त को मनाएंगे।
गीता वाटिका में जन्माष्टमी 12 को
गीता वाटिका में चूंकि वैष्णव जन के लिए निर्धारित तिथि पर जन्माष्टमी मनाने का विधान है। ऐसे में वहां पर्व पर होने वाले आनुष्ठानिक आयोजन 12 अगस्त को होंगे। हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के संयुक्त सचिव रसेंदु फोगला ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए पर्व के दिन किसी भी बाहरी व्यक्ति का वाटिका में प्रवेश वर्जित रहेगा। केवल परिसर में रहने वाले लोग ही जन्माष्टमी की पूजा-अर्चना में हिस्सा ले सकेंगे। बता दें कि हर वर्ष गीता वाटिका में जन्माष्टमी काफी धूमधाम से मनाई जाती है और वहां की झांकी देखने के लिए तीन से चार हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं।