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बस्ती जिले के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंची खेल सामग्री

प्राइमरी में पांच हजार रुपये से 17 और जूनियर में दस हजार रुपये से 27 खेल सामग्रियों का किट खरीदा जाना था।

By Edited By: Published: Tue, 21 May 2019 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 10:33 AM (IST)
बस्ती जिले के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंची खेल सामग्री
बस्ती जिले के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंची खेल सामग्री
जेएनएन, गोरखपुर। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रति बेशक सरकार का झुकाव ज्यादा है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अभी भी जुदा हैं। स्कूलों के परिसर क्रीड़ागंन के रूप में गुलजार नहीं हो पाए। खेल सुविधा के लिए एक करोड़ 51 लाख 20 हजार रुपये का बजट मिला था। यह धनराशि स्कूलवार स्थानांतरित भी की गई। प्राइमरी में पांच हजार रुपये से 17 और जूनियर में दस हजार रुपये से 27 खेल सामग्रियों का किट खरीदा जाना था। इन स्कूलों में खेल सामग्री नहीं पहुंची। यह तब है जब राज्य परियोजना निदेशक के फरमान के मुताबिक फरवरी माह में ही इसे खरीद लेना था।
कुछ स्कूलों में खरीद के नाम पर गोलमाल भी हुआ। बहादुरपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सुकरौली, कम्हरिया, जुआजाता के प्रधानाध्यापक तो यह कहते फिर रहे हैं उन्हें खेल संसाधनों के लिए बजट ही नहीं मिला। वहीं बीईओ राम बहादुर वर्मा की माने तो सभी स्कूलों में पैसा भेजा गया है। मिनी लाइब्रेरी में भी हुआ खेल परिषदीय स्कूलों में पांच और दस हजार रुपये से मिनी लाइब्रेरी भी स्थापित होनी थी। अधिकांश ब्लाकों में लाइब्रेरी बजट के साथ भी लंबा खेल हुआ। दुबौलिया ब्लाक से यह मामला सुर्खियों में आया। यहां कुछ प्रधानाध्यापकों की मानें तो उन्हें बीआरसी पर बुलाकर कुछ संख्या में किताब देकर एक फर्म के नाम चेक कटवा दिया गया।
कक्षा एक से पांच तक 45 की जगह महज 10-12 और 6 से 8 तक 188 की जगह एक से डेढ़ दर्जन किताबों में ही पूरा बजट खपा दिया गया। प्रधानाध्यापकों ने बीईओ का विरोध किया तो मुंह न खोलने की हिदायत मिली। हालांकि संबंधित बीईओ ध्रुव प्रसाद जायसवाल ने इससे इन्कार किया है। बीएसए अरुण कुमार ने कहा कि खेल किट और लाइब्रेरी के बजट का सत्यापन कराया जा रहा है। यदि कहीं खामियां मिली तो कार्रवाई होगी।

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