Global Hand Washing Day: हाथों को रखें साफ, दूर भागेगा कोरोना
कोरोना के आने के बाद हाथों की सफाई के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। हाथों की नियमित सफाई की जाए तो कोरोना दूर भाग जाता है। हाथ धोने से टायफाइड पेट व त्वचा संबंधी रोग आंख के संक्रमण आदि से भी बच सकते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। रोजमर्रा के कामों के दौरान हम जाने-अनजाने अनेक चीजों को छूते हैं। इससे हमारे हाथों में अनेक बीमारियों के कीटाणु आ जाते हैं। यदि कुछ खाने से पूर्व या मुंह, नाक, कान, आंख छूने के पहले हाथों की सफाई न की जाए तो कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और बीमारियों को जन्म देते हैं। कोरोना भी इन्हीं में से एक है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कोरोना के आने के बाद हाथों की सफाई के प्रति लोग काफी जागरूक हुए हैं। हाथों की नियमित सफाई की जाए तो कोरोना दूर भाग जाता है। सही तरह से हाथ धोने से टायफाइड, पेट व त्वचा संबंधी रोग, आंख के संक्रमण आदि से भी बच सकते हैं। हाथों की सफाई के प्रति जागरूकता लाने के लिए 2008 से प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे मनाया जाता है।
ऐसे धोएं हाथ
दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए। सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ें। इसके बाद उल्टे हाथ, नाखून, अंगूठा, मुट्ठी व कलाई को ठीक से साफ करें। इस तरह हाथों को धोने से 90 फीसद बीमारियों से बच सकते हैं। इसी तरह से यह भी जानना होगा कि हाथ कब धोना जरूरी है। शौच के बाद, खाना बनाने व खाने से पहले, मुंह, नाक व आंखों को छूने के बाद, खांसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद, पालतू जानवरों को छूने के बाद हाथ धोना जरूरी है।
कोरोना से मौतों की रोकथाम के लिए नियमों में बदलाव
कोरोना से हो रही मौतों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियमों में बदलाव कर प्रयास तेज कर दिए हैं। अब कोई भी लक्षणों वाला मरीज रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) की सहमति से ही होम आइसोलेट हो सकेगा। गंभीर व बुजुर्ग मरीजों को लेवल टू-थ्री अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, जिससे समय से सही इलाज मिल सके। सीएमओ डा.श्रीकांत तिवारी ने बताया कि गंभीर मरीजों को किसी भी हाल में होम आइसोलेशन में नहीं रहने दिया जाएगा। रैपिड रेस्पांस टीम इसकी सतत निगरानी करेगी। मरीजों में लक्षण दिखने के तत्काल बाद उन्हें अस्पताल भेज दिया जाएगा। यदि कोई मरीज आरआरटी की बात नहीं मानेगा, तो टीम इसकी जानकारी प्रशासन को देगी। इसके बाद प्रशासन के सहयोग से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।