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विश्व योग दिवस पर विशेष : रेलवे स्टेशन पर ध्यान और वाटिका में प्राणायाम

गोरखपुर रेलवे स्व्टेशन की तरफ से यात्रियों के लिए ध्यान कक्ष का भी निर्माण किया गया है। ताकि खाली समय में यात्री प्राणयाम कर सकें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 03:31 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 03:31 PM (IST)
विश्व योग दिवस पर विशेष : रेलवे स्टेशन पर ध्यान और वाटिका में प्राणायाम
विश्व योग दिवस पर विशेष : रेलवे स्टेशन पर ध्यान और वाटिका में प्राणायाम

गोरखपुर, जेएनएन। अगर आप अपने आप को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए रोजाना ध्यान, योग और प्रणायाम करते हैं तो यात्रा में परेशान होने की जरूरत नहीं है। रेलवे स्टेशनों पर भी इसके लिए घर जैसा एकांत स्थल मिल जाएगा। यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा मुहैया कराने के लिए रेलवे प्रशासन स्टेशनों पर ध्यान कक्ष स्थापित कर रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे में शुरुआत हो चुकी है। गोरखपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो स्थित एसी लाउंज में ध्यान कक्ष लोगों को आकर्षित कर रहा है।

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इसलिए बनाया गया ध्यान कक्ष

ध्यान कक्ष की चाबी परिचारक के पास मौजूद रहती है। यात्री सुविधानुसार इस कक्ष का उपयोग कर सकते हैं। स्टेशन डायरेक्टर राजन कुमार के अनुसार यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देने के उद्देश्य से ध्यान कक्ष स्थापित किया गया है। इसके अलावा रनिंग स्टाफ लोको पायलट और गार्डो के लिए रनिंग रूम में भी ध्यान कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। ताकि उनकी कार्य क्षमता प्रभावित न हो।

यहां स्थापित हुए हैं ध्यान कक्ष

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, सीतापुर और मैलानी के रनिंग रूम में ध्यान कक्ष स्थापित किए गए हैं। जल्द ही अन्य रनिंग रूम में भी इसकी व्यवस्था की जाएगी, ताकि रनिंग स्टाफ अपने आप को चुस्त और दुरुस्त रख सकें। यही नहीं मुख्यालय स्थित यांत्रिक विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने तत्कालीन प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एके सिंह के नेतृत्व में अपने हाथों से गीता सार उद्यान तैयार किया है। देखभाल भी रेलकर्मी खुद ही करते हैं। सुबह और शाम समय मिलते ही योग और प्रणायाम से नहीं चूकते।

वाटिकाओं के नाम भी योग पर आधारित

सीनियर सेक्शन इंजीनियर रमेश पांडेय बताते हैं कि उद्यान में 26 वाटिकाएं हैं, जिनके नाम पतंजलि योग के विभिन्न स्थितियों अष्टांग योग पर आधारित है। उद्यान में महर्षि पतंजलि और प्राणायाम वाटिका प्रमुख हैं, जहां पहुंचते ही मन प्राकृतिक हो जाता है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर बताते हैं कि वाटिका की हरियाली बनी रहे इसके लिए छोटे-छोटे जलाशय बनाए जा रहे हैं। इन जलाशयों में वर्षा का जल संचित कर पौधों की सिंचाई की जाएगी।

रेलवे में व्यापक प्रचार प्रसार

एनई रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि योग, प्रणायाम और ध्यान से शारीरिक और मानसिक विकास होता है। कार्य क्षमता भी बढ़ती है। रेलवे में योग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। समय-समय पर कार्यशालाएं भी आयोजित होती रहती हैं।

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