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साक्षात्‍कार: बहकावे में नहीं आने वाले निषाद, सारे 'निषाद' के साथ

निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के जिलाध्यक्ष सुग्रीव निषाद ने कहा क‍ि निषाद पार्टी का जनाधार बरकरार है। अगर निषाद पार्टी का जनाधार नहीं बढ़ा होता तो गोरखपुर सीट से रवि किशन सांसद कैसे चुने गए होते। उनकी जीत निषाद पार्टी के जनाधार की ही देन है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 02:02 PM (IST)
साक्षात्‍कार: बहकावे में नहीं आने वाले निषाद, सारे 'निषाद' के साथ
निषाद पार्टी गोरखपुर के जिलाध्यक्ष सुग्रीव निषाद। - जागरण

गोरखपुर। अगर किसी को लगता है कि वह बिहार से आकर यहां निषादों का नेता बन जाएगा तो वह गलतफहमी में है। निषाद समझदार हैं, वह किसी के बहकावे में नहीं आने वाले। भाजपा ने निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का जो वादा किया है, हमें भरोसा है कि वह उसे पूरा करेगी। निषाद पार्टी का जनाधार आने वाले चुनाव में नजर आएगा। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के जिलाध्यक्ष सुग्रीव निषाद से संवाददाता रजनीश त्रिपाठी ने बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश।

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सवाल : निषाद पार्टी ने 2015 में अपना जो जनाधार तैयार किया था, वह 2021 में कम होता तो नहीं नजर आ रहा, इसकी क्या वजह है ?

- निषाद पार्टी का जनाधार आज भी बरकरार है। 2021 में निषाद पार्टी का जनाधार कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ा है। अगर निषाद पार्टी का जनाधार नहीं बढ़ा होता तो गोरखपुर सीट से रवि किशन सांसद कैसे चुने गए होते। उनकी जीत निषाद पार्टी के जनाधार की ही देन है।

सवाल : निषादों को ओबीसी से एससी में शामिल कराने की मांग का क्या हुआ, अब तो आप लोग सत्ताधारी दल भाजपा के साथ हैं?

- निषाद को आरक्षण मिलना तय है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने निषाद पार्टी से इसका वादा किया है। हम सबको विश्वास है भाजपा अपना वादा पूरा करेगी।

सवाल : पहले पीस पार्टी, फिर समाजवादी पार्टी इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन। 2022 में कौन होगा?

- अकेले कोई कुछ कर नहीं सकता, इसीलिए निषाद पार्टी ने पीस पार्टी से गठबंधन किया था। बाद में परिस्थितियों को देखते हुए समाजवादी पार्टी से गठबंधन हुआ, जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर उपचुनाव जीता। इसके बाद सपा ने टिकट काटकर दूसरे को दे दिया, जिसके चलते निषाद पार्टी ने भाजपा से गठबंधन किया। इसमें कोई गलत तो नहीं किया। 2021 में निषाद पार्टी किसके साथ रहेगी यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे। उनका निर्णय निषाद पार्टी के हर वर्ग को मंजूर होगा।

सवाल : भाजपा के खिलाफ कई बार आप लोगों को बगावती तेवर दिखाने पड़ते हैं, ऐसी नौबत क्यों आ जाती है?

- भारतीय जनता पार्टी को हम लोग याद दिलाते रहते हैं कि उन्होंने जो वादा किया है उसे समय पर निभाए। इसी मसले पर हम लोगों को कभी-कभी विरोध करना पड़ता है।

सवाल : निषादों के अलावा पार्टी किसी अन्य जाति के वोट बैंक पर काम नहीं करती, क्या सिर्फ निषाद वोट से ही चुनाव जीता जा सकता है।

- हम लोग सभी जातियों को मिलाकर चलते हैं। हमारी पार्टी का नाम ही निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल है। यह गरीबों की पार्टी है। सभी गरीब निषाद पार्टी के साथ हैं।

सवाल : बिहार के मुकेश सहनी भी पूर्वांचल में दस्तक दे रहे हैं। वह निषाद वोटों को कितना प्रभावित करेंगे?

- बिहार से आकर वह यहां कुछ नहीं कर पाएंगे। यूपी की संपूर्ण निषाद जाति निषाद पार्टी के साथ है। कोई किसी के बहकावे में नहीं आने वाला। अगर बिहार से आए तो बनारस में क्यों नहीं रोड शो किए। क्यों चले गए वापस कोई निषाद वीआईपी के साथ नहीं है।


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