सीएम सिटी में पान की दुकानों पर बिक रही दक्षिण कोरिया की सिगरेट,जानें-यहां कैसे पहुंची नशीली सिगरेट Gorakhpur News
तस्करी कर लाई गई सिगरेट के लिए शहर के बाहरी हिस्सों में उन्होंने बड़े-बड़े गोदाम स्थापित कर रखे हैं। वहीं से एजेंट के माध्यम से विदेशी सिगरेट के डिब्बे दुकानों पर भेजा जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन। तस्करी कर विदेश से लाई गई सिगरेट की शहर में बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही है। थोड़ी सी ठीकठाक किसी भी पान की दुकान से विदेशी ब्रांड की सिगरेट आसानी से खरीदी जा सकती है। बताते हैं कि कुछ सफेदपोश लोगों ने अवैध सिगरेट के कारोबार का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा है। तस्करी कर लाई गई सिगरेट के लिए शहर के बाहरी हिस्सों में उन्होंने बड़े-बड़े गोदाम स्थापित कर रखे हैं। वहीं से एजेंट के माध्यम से विदेशी सिगरेट के डिब्बे दुकानों पर भेजा जाता है। भारतीय मानक के विपरीत बनी यह सिगरेट सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होने के बावजूद तेजी से युवाओं की खास पसंद बनती जा रही है।
ट्रेन से बुक कर लाई जा रही है सिगरेट की खेप
कस्टम की टीम ने एक सितंबर की रात गोरखपुर रेलवे स्टेशन से विदेशी सिगरेट की बड़ी खेप पकड़ी थी। दो सितंबर की रात भी रेलवे स्टेशन से सिगरेट की खेप पकड़ी गई थी। दोनों दिन पकड़ी गई सिगरेट एक ही ब्रांड की थी और दक्षिण कोरिया में बनी थी। न्यू जलपाईगुड़ी से सिगरेट की खेप बुक की गई थी। एक सितंबर की रात पकड़ी गई सिगरेट उदयपुर के लिए बुक की गई थी तो दो सितंबर की रात पकड़ी गई सिगरेट गोरखपुर के लिए। जाहिर है कि न्यू जलपाईगुड़ी, विदेश से तस्करी कर सिगरेट लाने का केंद्र बन गया है। वहीं से सिगरेट की खेप रेलवे में बुकर देश के विभिन्न शहरों में पहुंचाई जा रही है।
भारतीय मानक के विपरीत है विदेशी सिगरेट
भारत सरकार ने देश में बिकने वाली सिगरेट बनाने के लिए मानक निर्धारित कर रखा है। मानक के विपरीत बनी सिगरेट की बिक्री नहीं हो सकती। भारतीय बाजार में बिकने वाली सिगरेट के हर डिब्बे पर इसके सेहत के लिए हानिकारक होने की चेतावनी और इसके इस्तेमाल से कैंसर की बीमारी होने तथा इस बीमारी को प्रदर्शित करने वाली तस्वीर छापना अनिवार्य होता है। विदेश से तस्करी कर लाई गई सिगरेट, एक तो भारत में बिकने वाली सिगरेट के लिए निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं बनी है और दूसरे, विदेशी सिगरेट के डिब्बे पर किसी तरह की चेतावनी भी नहीं छपी होती है।
कारोबारियों का पता लगाने में जुटा है कस्टम विभाग
तस्करी कर लाए गए सामान की बिक्री रोकने और दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई करने की जिम्मेदारी कस्टम विभाग की होती है। दुकानों से इस सिगरेट की फुटकर में हो रही बिक्री पर रोक लगा पाना कस्टम विभाग के लिए बेहद मुश्किल है। इसीलिए दुकानदारों पर हाथ डालने की बजाय कस्टम विभाग उनके बारे में पता लगाने में जुटा है, जो विदेशी सिगरेट की खेप मंगाकर दुकानों में पहुंचा रहे हैं। कुछ के बारे में जानकारी मिली भी है। उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए उचित मौके की तलाश की जा रही है।
तस्करी रोकना कस्टम की जिम्मेदारी
इस संबंध में कस्टम उपायुक्त राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि तस्करी रोकना कस्टम विभाग की जिम्मेदारी है, लेकिन किसी चीज की अवैध बिक्री रोकने के लिए और भी कई विभाग जिम्मेदार हैं। एक-एक दुकान पर छापेमारी करना हमारे लिए संभव नहीं है। विदेशी सिगरेट स्टोर किए जाने के ठिकानों के बारे में पता लगाया जा रहा है। बहुत जल्दी कार्रवाई की जाएगी।