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जल्द शुरू होगा गोरखपुर-लखनऊ मार्ग को सिक्स लेन बनाने का काम Gorakhpur News

गोरखपुर-लखनऊ मार्ग को सिक्स बनाने का कार्य शीघ्र शुरू होगा। 252 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के दोनों ओर इसे एक-एक लेन चौड़ा किया जाएगा। सिक्स लेन बनाने में जमीन की समस्या नहीं आएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास सड़क को सिक्स लेन करने के लिए पर्याप्त जमीन है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 04:05 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 04:05 PM (IST)
जल्द शुरू होगा गोरखपुर-लखनऊ मार्ग को सिक्स लेन बनाने का काम Gorakhpur News
गोरखपुर-लखनऊ मार्ग को सिक्स लेन बनाने का काम शीघ्र शुरू होने जा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर से लखनऊ तक फराटा भरना अब और भी आसान होगा। इस फोरलन राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्स लेन में बदलने की कवायद और आगे बढ़ गई है। जमीन के लिए जिलों में नोडल अधिकारी तैनात किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गोरखपुर में भी नोडल अधिकारी नामित करने के लिए शासन की ओर से पत्र भेजा गया है।

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करीब 252 किलोमीटर लंबे गोरखपुर- लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 28) ने प्रदेश की राजधानी पहुंचना आसान बना दिया है। इस मार्ग के बनने के बाद काफी बदलाव आया और लोग चार से छह घंटे में लखनऊ पहुंचने लगे। बढ़ते यातायात को देखते हुए नेशनल हाइवे ने इस मार्ग को सिक्स लेन करने का निर्णय लिया। दोनों ओर इसे एक-एक लेन चौड़ा किया जाएगा।

पहले से उपलब्ध है जमीन

फोरलेन के निर्माण के समय ही जमीन अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था। इसलिए सिक्स लेन बनाने में जमीन की समस्या नहीं आएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ)

के पास सड़क को सिक्स लेन करने के लिए पर्याप्त जमीन है। केवल वहीं अतिरिक्त जमीन की जरूरत पड़ सकती है, जहां पुल बनाना हो, उसके लिए एप्रोच की जरूरत होगी। साथ ही चौराहों पर भी अतिरिक्त जमीन की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सहयोग किया जाएगा। गोरखपुर में जल्द ही इसके लिए नोडल अधिकारी की तैनाती कर दी जाएगी।

और आसान होगा राजधानी का सफर

गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस मार्ग को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है। सिक्स लेन बनने के बाद लखनऊ तक का सफर और आसान हो जाएगा।

गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्स लेन किया जाना है। इसके लिए जमीन पहले से उपलब्ध है। कुछ स्थानों पर अतिरिक्त जमीन की जरूरत पड़ सकती है। जमीन प्राथमिकता पर उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए नोडल अधिकारी की तैनाती भी होगी। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।


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