Indo-Nepal border: 36 घंटे बाद खुली सोनौली सीमा, शुरू हुआ आवागमन, जानें-क्यों सील हुआ था बार्डर Gorakhpur News
सीमा सील होने के दौरान भी जरूरतमंद व मरीजों को आने जाने की छूट दी गई थी। लेकिन आम यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोरोना के मद्देनजर शुरू हुए लाकडाउन के कारण दिल्ली मुंबई से कामगार मजदूर अपने वतन लौटने के लिए बार्डर पर पहुंचे थे।
गोरखपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव के मद्देनजर सील की गई भारत-नेपाल की सोनौली सीमा मंगलवार को करीब 36 घंटे बाद खोल दी गई। सीमा खुलते ही आवागमन शुरू हो गया। सीमा रविवार की रात 10 बजे से सील कर दी गई थी। जिससे सरहद के दोनों तरफ सैकडों यात्री फंसे हुए थे। लोगों ने फुटपाथ पर सो कर किसी तरह से रात गुजारी। मंगलवार सुबह से उन्हें आवागमन की अनुमति दी गई। मालवाहक वाहनों का प्रवेश भी आरंभ हो गया है।
जरूरतमंदों को आने-जाने की थी छूट
सीमा सील होने के दौरान भी जरूरतमंद व मरीजों को आने जाने की छूट दी गई थी। लेकिन आम यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोरोना के मद्देनजर शुरू हुए लाकडाउन के कारण दिल्ली, मुंबई, लखनऊ आदि शहरों के कामगार मजदूर अपने वतन लौटने के लिए बार्डर पर पहुंचे थे। रात 10 बजे तक बार्डर नहीं खुलने पर फुटपाथ यात्रियों से भरे रहे। उनको भोजन व पेय जल के लिए भटकना पड़ा। मंगलवार की सुबह करीब छह बजे पैदल आवागमन के लिए गेट खोल दिया गया। तब जाकर यात्रियों ने राहत की सांस ली। मालवाहक वाहनों को सुबह आठ बजे आवागमन की अनुमति मिली। सोनौली चौकी प्रभारी रितेश कुमार राय ने बताया कि मतपेटी जमा होने के बाद बार्डर खोलने के निर्देश मिले थे। बॉर्डर को मंगलवार की सुबह से खोल दिया गया है।
कोरोनाकाल में लंबे समय तक बंद था बार्डर
बता दें कि कोरोना के चलते भारत-नेपाल बार्डर लंबे समय तक बंद था। दोनो तरफ से किसी तरह का कोई आवागमन नहीं हो रहा था। तब भी दोनो देशों के लोग काफी परेशान थे। बार्डर से सटे दोनो देशों के लोगों का जीवन काफी मुश्किल हो गया था। सीमाई क्षेत्र के बाजार पूरी तरह बंद थे। कई लोगों के व्यापार ही चौपट हो गए।