छात्र संघ चुनाव बहाली के लिए सड़क उतरे छात्र
गोरखपुर विश्विद्यालय छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रों ने फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। हिंसा के बाद प्रशासन ने चुनाव स्थगित कर दिया था।
गोरखपुर (जेएनएन)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थगित हुई छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया दोबारा बहाल करने के लिए छात्रों ने मुहिम तेज कर दी है। धरना-प्रदर्शन, मौन जुलूस जैसे लोकतांत्रिक तरीकों से प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ चुनाव की नई तारीख की मांग दोहराई जा रही है।
समाजवादी छात्र सभा एवं अन्य युवा संगठनों के कार्यकर्ताओंं ने आंबेडकर प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। अध्यक्ष पद प्रत्याशी अन्नू प्रसाद, उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी सूरज यादव, महामंत्री पद के दावेदार सुधीर यादव व पुस्तकालय मंत्री की प्रत्याशी वंदना निषाद के साथ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता में इस प्रदर्शन में शामिल हुए। समवेत स्वर से सभी ने विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के स्थगित होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि समाजवादी विचारधारा के लोगों का यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं कर दी जाती।
प्रदर्शन में अखिलेश यादव, आजम लारी, चर्चिल अधिकारी, कपिल मुनि यादव, राहुल यादव, करुणानिधान, नागेंद्र यादव आदि की मौजूदगी रही। इसी तरह पंत पार्क पर स्नातक छात्र आकाश प्रताप यादव के नेतृत्व में हुए बुद्धि शुद्धि यज्ञ में सभी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से चुनाव प्रक्रिया बहाल करने की मांग की। आकाश यादव ने कहा कि पिछले चार दिन से विश्वविद्यालय बंद चल रहा है साथ ही विश्वविद्यालय में भय का माहौल मनाया जा रहा है। विवि प्रशासन को चुनाव कराना ही होगा, यह लोकतंत्र के प्रति छात्रों की आस्था कायम रखने के लिए भी जरूरी है। यज्ञ में अनुराग श्रीवास्तव, विक्की पासवान विनय यादव, पीयूष ओझा, शुभम, आनंद, जय सिंह, शक्ति राय इंद्रेश,प्रद्युम्न दुबे सहित अनेक छात्रों की सहभागिता रही।
अभाविप कार्यकर्ताओं ने नहीं की कोई अभद्रता
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बीते 11 सितंबर को विश्वविद्यालय परिसर में हुए उपद्रव में अपने कार्यकर्ताओं के शामिल नहीं होने की बात कही है। परिषद के गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री भूपेंद्र सिंह राणा, महानगर कार्यकारिणी सदस्य अनामिका सिंह, विश्वविद्यालय छात्र अनूप कुमार भारती एवं तहसील संयोजक अभिषेक हरि सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के लिए चुनावों में जीत या हार उतना मायने नहीं रखती जितना कि लोकतंत्र की प्रथम पाठशाला में चुनाव का होना। गोरखपुर विश्वविद्यालय में चुनाव घोषित होने के बाद माहौल भी सौहार्दपूर्ण था, लेकिन कुछ लोगों को यह नहीं भा रहा था। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रचार की अनुमति मांग रहे अभाविप कार्यकर्ताओं से विधि विभाग के शिक्षक ने दुव्र्यवहार किया। चुनाव की नई तारीख घोषित करने की मांग के साथ संगठन ने मांग रखी है कि संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण पर शिक्षकों का अपमान नहीं सहेंगे
छात्रसंघ अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अनिल दुबे ने शनिवार को पत्रकारवार्ता कर 11 सितंबर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अनिल ने कहा कि एक अनुशासित छात्र होने की वजह से, वह ङ्क्षहसा में भरोसा नहीं करते, लेकिन अगर किसी शिक्षक, छात्र या कर्मचारी के साथ कोई अभद्रता करेगा तो उसका प्रतिकार करना भी मेरा कर्तव्य है। अनिल ने कहा कि उस दिन की घटना एक पक्ष द्वारा सुनियोजित थी, जिसे अपनी हार होने की आशंका थी। उन्होंने छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया बहाल करने की मांग की। अनिल ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन राजनैतिक दबावों के अधीन है और चुनाव कराने की मंशा नहीं रखता है। अनिल ने कहा कि वह भगोड़ा नहीं हैं और पुलिस की लाठियों से उनका मनोबल नहीं गिरेगा, बल्कि वह और मजबूत ही होता जाएगा। अनिल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से साफ-सुथरे ढंग से चुनाव कराने की मांग की है।