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60 गांवों को सीधी बिजली मिलने में कुछ पेड़ बन गए हैं बाधा Gorakhpur News

संस्था के डिप्टी मैनेजर हरजिंदर सिंह ने कहा कि पोल व तार के रास्ते में कुछ पेड़ है। वन विभाग से पेड़ों की कटाई छटाई की अनुमति नहीं मिलने से देरी हो रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 11:36 AM (IST)
60 गांवों को सीधी बिजली मिलने में कुछ पेड़ बन गए हैं बाधा Gorakhpur News
60 गांवों को सीधी बिजली मिलने में कुछ पेड़ बन गए हैं बाधा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सहजनवां ब्लाक क्षेत्र के हरपुर अनंतपुर में बन रहे विद्युत उपकेंद्र की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद अभी शुरू नहीं सका है। शर्तों के तहत निर्माण कार्य सितंबर 2019 में पूर्ण हो जाना चाहिए था। केंद्र के निर्माण में कुल दो करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है। देरी के पीछे वन विभाग की आपत्ति को भी कारण माना जा रहा है।

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60 गांवों को मिलेगा लाभ

सहजनवां ब्लाक के पांच दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति जुडिय़ांन विद्युत उपकेंद्र के मगहर नामक फीडर से होती है लेकिन उपकेंद्र से क्षेत्र की सीमा 25 किलोमीटर दूर है। लोकल फाल्ट के कारण विद्युत रहते हुए भी उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पाती है। शासन ने हरपुर अनंतपुर में दो करोड़ लागत की विद्युत उपकेंद्र निर्माण की स्वीकृति दी। कार्यदायी संस्था केईआई ने 2016 में काम करना शुरू किया।

वन विभाग से अनुमति का इंतजार

विद्युत आपूर्ति होने वाले स्थान से लेकर उपकेंद्र तक तार, पोल, सबस्टेशन का भवन सहित 99 फीसद कार्य पूरे है लेकिन पोल की ग्राउटिंग सहित कुछ काम बाकी है। संस्था के डिप्टी मैनेजर हरजिंदर सिंह ने कहा कि पोल व तार के रास्ते में कुछ पेड़ है। वन विभाग से पेड़ों की कटाई छटाई की अनुमति नहीं मिलने से देरी हो रही है। रेंजर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि रास्ते में पेड़ हैं और सड़क के किनारे की जमीन का मुआवजा देने का नियम है लेकिन यह केंद्रीय सरकार के स्तर का मामला है। जुडिय़ांन विद्युत उपकेंद्र जेई दीपक गुप्ता ने कहा कि कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है। 

हाईटेंशन तार हटाये जाने के लिए मांगा प्रस्ताव

निर्माणाधीन चिडिय़ाघर मार्च तक पूरा किया जाना है, पर अभी उसके समक्ष कई बड़ी चुनौतियां हैं। चिडिय़ाघर के प्रवेश द्वार जहां लैंड स्केपिंग बनना है, वहीं ऊपर हाईटेंशन तार गया हुआ है। जब तक तार हटेगा नहीं, वहां लैंड स्केपिंग का कार्य आगे नहीं बढ़ सकेगा। विद्युत विभाग ने हाईटेंशन तारों को शिफ्ट करने के लिए 13.52 करोड़ का प्रस्ताव कार्यदायी संस्था को सौंपा है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बुधवार को चिडिय़ाघर के निरीक्षण के बाद चिडिय़ाघर के डाइरेक्टर से बजट के प्रस्ताव बनाकर उनके पास भेजने को कहा है।

ढाई किलोमीटर तक शिफ्ट करना होगा तार

पहले पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ(मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव) सुनील कुमार पाण्डेय ने चिडिय़ाघर के निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाईं। इसमें हाईटेंशन तार मुख्य समस्या है। तार को सिर्फ चिडिय़ाघर के सामने से ही नहीं, बल्कि ढाई किलोमीटर तक शिफ्ट करना होगा। इसके लिए कुछ बजट कार्यदायी संस्था के पास है, पर विद्युत विभाग ने तार को शिफ्ट करने के लिए कुल 13.52 करोड़ का बजट सौंपा है। अतिरिक्त बजट के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने प्रस्ताव मांगा है। इसके अलावा चिडिय़ाघर के वेटलैंड प्वाइंट पर बाहर पानी छोड़े जाने से पीछे की तरफ की बाउंड्रीवाल कंप्लीट नहीं हो पा रही है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निरीक्षण के बाद मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने भी चिडिय़ाघर का निरीक्षण किया।

कमेटी बनाने के निर्देश

उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए जीडीए, पीडब्लूडी, जलनिगम की एक कमेटी बनाया जाएगा। इस दौरान एजीएम राजकीय निर्माण निगम ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ से कहा कि इस के लिए यदि एक प्रस्ताव सीजेडए का का भी मिल जाता तो उन्हें कार्य में थोड़ी सहूलियत होती है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने कहा कि वह प्रस्ताव भेंजे, इस पर देखा जाएगा कि क्या हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना बाउंड्रीवाल के पूरी हुए, सीजेडए चिडिय़ाघर के लिए अनुमति ही नहीं देगा। 


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