गोरखपुर में सर्पदंश के मामले बढ़े, कई स्वास्थ्य केंद्रों से एएसवी नदारद Gorakhpur News
स्वास्थ्य केंद्र कटसहरा व सोनबरसा बाबू सहित अनेक स्वास्थ्य केंद्रों एएसवी उपलब्ध नहीं है। जहां है भी वहां उनकी संख्या बहुत कम है।
गोरखपुर, जेएनएन। बरसात शुरू होने के साथ ही सर्पदंश के मामलों में वृद्धि होने लगी है। पहले जिला अस्पताल में जहां सप्ताह में एक-दो मामले आते थे, अब रोजाना इनकी संख्या दो से पांच तक पहुंच चुकी है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों के अनेक स्वास्थ्य केंद्रों पर सांप काटने की दवा एंटी स्नैक वेनम (एएसवी) सिरम नदारद है। हालांकि जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पिछले एक सप्ताह में जिला अस्पताल में 21 मामले आए। इनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के थे। जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर राहत नहीं मिल पाई। इनमें केवल तीन ही मरीज ऐसे आए जिन्हें पांच या उससे अधिक वायल लगाने पड़े। केवल एक मरीज को 19 वायल लगाने की जरूरत पड़ी।
अस्पतालों में दवाओं की यह है स्थिति
स्वास्थ्य केंद्र कटसहरा व सोनबरसा बाबू सहित अनेक स्वास्थ्य केंद्रों एएसवी उपलब्ध नहीं है। जहां है भी वहां उनकी संख्या बहुत कम है। कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर तो मात्र दो वायल उपलब्ध हैं, जबकि किसी जहरीले सांप के काटने पर एक मरीज में 18-20 वायल एएसबी लगाना पड़ सकता है। कई स्वास्थ्य केंद्रों में इनकी संख्या 18-20 है। कुछ ही केंद्र ऐसे हैं जहां 40 से अधिक वायल हैं। हालांकि जिला अस्पताल में 12 सौ से अधिक वायल उपलब्ध हैं।
यहां पर इतनी दवा उपलब्ध
स्वास्थ्य केंद्र एएसबी की उपलब्धता (वायल में)
विशुनपुरा- 02
ब्रह्मपुर- 57
बेलघाट- 18
करमहा- 35
चौरीचौरा- 40
ठर्रा, पॉली 26
पिपरौली- 50
बांसगांव- 18
कौड़ीराम- 35
बासूडीहा- 10
पिपराइच- 36
कैंपियरगंज- 29
गोला- 62
बड़हलगंज- 15
ज्यादातर सांप जहरीले नहीं
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि सांप काटने के ज्यादातर मामलों में एक-दो वायल से ही काम चल जाता है। उन्हें पनिहा सांप काटा होता है। उसमें जहर नहीं होता। गेहुंअन व करैत के काटने पर पांच से अधिक वायल लगाना पड़ता है। किसी-किसी में 18-20 वायल भी लगाने पड़ते हैं। ऐसे केवल तीन मामले आए हैं। रसेल वाइपर सांप के काटने के मामले भी आते हैं, लेकिन अभी इस साल ऐसा कोई मामला नहीं आया है।
पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध
सीएमओ डा.श्रीकांत तिवारी के अनुसार हमारे पास पर्याप्त मात्रा एएसबी उपलब्ध है। जहां से भी मांग आई है, वहां दवा भेजी गई है। बाढ़ में सर्पदंश के मामले ज्यादा आते हैं, इसलिए बाढ़ को ध्यान में रखते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को एएसबी भेजने की सूची बनाई जा रही है। शीघ्र ही हर जगह पर्याप्त दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीं जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके श्रीवास्तव का कहना है कि जिला अस्पताल में 1200 से अधिक वायल उपलब्ध हैं। यहां आने वाले हर मरीज का प्राथमिकता के तौर पर इलाज किया जा रहा है। हाल के दिनों में सर्पदंश के मामले बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह में 21 मरीज आए। 20 ठीक होकर गए। एक का इलाज चल रहा है।
सांप के काटने पर क्या करें
किसी व्यक्ति को सांप के काटने पर सबसे पहले उसे सीधा लेटा दें। घाव को साफ पानी से धो लें, तनाव बिल्कुल न लें। काटे हुए अंग के आसपास किसी भी प्रकार का कट नहीं लगाएं। काटे हुए जगह पर सूती कपड़े से हल्का बांध दें। झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं। सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। ताकि आप चिकित्सक को बता सकें। मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा। व्यक्ति को बेहोश नहीं होने दें। उससे बात करते रहें।