मनोरमा नदी की धारा में बाधक बन रहे स्लैब, अभियान को लग रहा झटका Gorakhpur News
मनोरमा नदी को फिर गतिमान बनाने का सरकार का दावा बेकार साबित हो रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन : बस्ती जिले की पौराणिक नदी मनोरमा का पुराना स्वरूप वापस लौटाने के लिए मुख्यमंत्री ने विगत वर्ष वृहद अभियान चलाया। प्रशासन के साथ ही आम जन को इस अभियान से जोड़ा गया। जिससे मनोरमा के कल कल की आवाज करती पवित्र, अविरल धारा बनी रहे। लेकिन जब सरकारी महकमा ही अभियान से अनजान है तो धरा की इस धरोहर को बचाने में कामयाबी कैसे मिलेगी । सेतु निगम विभाग द्वारा कुदरहा ब्लाक के खखरा अमानाबाद, बरगदह तथा बहादुरपुर ब्लाक के कचूरे व रानपुर में मनोरमा नदी पर पुल का निर्माण किया गया है । पुल का बीम व छत बनाने के लिए विभाग ने बेस के तौर पर नदी में कंकरीट के बड़े-बड़े स्लैब डाले । निर्माण कार्य समाप्त होने पर स्लैब को नदी में ही छोड़ दिया । इससे केवल नदी की धारा ही नहीं अवरुद्ध हो रही बल्कि जल स्तर बढ़ने पर जानलेवा साबित होते है। 2015 में मनोरमा नदी के बरगदहा घाट पर राज्य सेतु निगम विभाग द्वारा पुल का निर्माण किया । विभाग ने बनाए गए अस्थाई स्लैब यूं ही छोड़ दिया है। जिससे नदी की धारा गर्मी के दिनों में थम सी जाती है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जल स्तर बढ़ने पर स्लैब पानी में डूब जाते हैं । बच्चों के नदी में नहाने पर सरिया, पत्थर लगने का डर रहता है । सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए होती है । नदी पार करते समय चोटहिल होने का भय बना रहता है । इस संबंध में सेतु निगम के अधिशासी अभियंता केके ¨सह ने बताया कि शीघ्र ही स्लैब को तोड़वा कर हटवाया जाएगा। नदी को स्वच्छ बनाने में विभाग किसी भी स्तर पर बांधा नहीं बनेगा।