साहब, मनरेगा की मजदूरी के लिए आखिर कब तक लगानी पड़ेगी दौड़
सिद्धार्थनगर जनपद में मनरेगा मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में काम करने वाले मजदूर भुगतान के लिए भटक रहे हैं। कोई छह तो कोई तीन साल से भुगतान की आस लगाए बैठा है। सिद्धार्थनगर जनपद के खुनियाव ब्लाक के जाब कार्ड धारक मनरेगा श्रम उपायुक्त संजय शर्मा से मिले और भुगतान की गुहार लगाई।
जोकइला के जाब कार्डधारक अनीता, महेश और पंचम ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष पहले मनरेगा के तहत मजदूरी की थी। फिर छह माह पहले भी उन्होंने 22 दिनों तक लगातार काम किया, लेकिन उनका पैसा नहीं मिला। मजदूरों ने आरोप लगाया कि ब्लाक कर्मचारियों की लापरवाही से उनका भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इससे घर परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। मनरेगा श्रम आयुक्त ने पीड़ितों की बात सुनने के बाद जाब कार्ड धारकों को आश्वासन दिया है कि जैसे ही बजट आता है प्राथमिकता से उनका भुगतान कर दिया जाएगा। तीन वर्ष का बकाया कैसे रह गया, इसकी जांच कराने का भी आश्वासन दिया है।
.......
36 करोड़ 57 लाख फंसा है भुगतान
जिले के मजदूरों का 36 करोड़ 57 लाख रुपये का भुगतान फंसा हुआ है। एक जाब कार्ड धारक को 182 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है। दिसंबर से अब तक भुगतान नहीं मिला है। जबकि प्राइवेट काम पर मजदूरों की दिहाड़ी तीन से चार सौ रुपये मिल जाती है। भुगतान न होने से आगे के कार्यों में भी जिम्मेदार कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अकेले खुनियाव ब्लाक में यह बकाया 1,9279407 है।
श्रमायुक्त मनरेगा संजय शर्मा ने कहा कि मनरेगा योजना में दिसंबर से कोई बजट नहीं आया हैं। होली के पहले बजट आने की पूरी उम्मीद है। जैसे ही बजट आता है, जाब कार्ड धारकों के खातों में आन लाइन भुगतान कर दिया जाएगा।