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अजब-गजब: 25 साल पहले मुस्लिम युवती से शादी कर रामदत्त बने दीन मोहम्मद, अब एक गलती की वजह से जाएगी बेटे की प्रधानी

Siddharthnagar Hindi News सिद्धार्थनगर जिले में धर्म परिवर्तन की आड़ में पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर ग्राम प्रधान बने शहाबुद्दीन की प्रधानी खतरे में है। 25 साल पहले उनके पिता ने जोगी जाति की मुस्लिम महिला से शादी कर धर्म परिवर्तन कर लिया था।

By Pragati ChandEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 04:46 PM (IST)
अजब-गजब: 25 साल पहले मुस्लिम युवती से शादी कर रामदत्त बने दीन मोहम्मद, अब एक गलती की वजह से जाएगी बेटे की प्रधानी
रामदत्त बने दीन मोहम्मद, बेटे की जाएगी प्रधानी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सिद्धार्थनगर, ब्रजेश पांडेय। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पिता के मुस्लिम युवती से शादी करने के आधार पर पिछड़ी जाति के आरक्षण का लाभ लेकर ग्राम प्रधान बने शहाबुद्दीन की प्रधानी खत्म होने वाली है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच के बाद उनका पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है।

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25 साल पहले मुस्लिम महिला से की थी शादी: जोगी जाति की मुस्लिम युवती से 25 वर्ष पहले शादी कर रामदत्त उपाध्याय से दीन मोहम्मद बने रामदत् के बेटे शहाबुद्दीन ने पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी करा लिया था। जांच टीम ने पाया है कि रामदत्त उपाध्याय पिछड़ी जाति की मुस्लिम युवती से शादी कर दीन मोहम्मद बन गए, लेकिन मतांतरण का उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है, अत: बेटे को पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता। टीम ने सुप्रीम कोर्ट के नीता सिंह बनाम सुनीता सिंह और मोहम्मद सिद्दीकी बनाम दरबारा सिंह के मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मात्र मतांतरण के आधार पर जाति परिवर्तन नहीं हो सकता है।

चुनाव लड़ने के लिए जारी करा लिया प्रमाण पत्र: मामला डुमरियागंज क्षेत्र की ग्राम पंचायत चकमझारी का है। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शहाबुद्दीन ने पिछड़ी जाति की मुस्लिम युवती से पिता के शादी करने के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करा लिया था। उनके प्रमाण पत्र को लेकर गांव निवासी श्यामसुंदर ने चुनाव के बाद शासन में शिकायत की थी। शासन ने प्रकरण की जांच के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित करने का निर्देश दिया। टीम ने लगभग पांच माह तक जांच की।

हिंदू धर्म में ब्राह्मण जाति के थे शहाबुद्दीन के पिता: जांच में पाया गया कि आरक्षण का लाभ लेने के लिए यह कृत्य किया गया है। शहाबुद्दीन के पिता दीन मोहम्मद पहले हिंदू धर्म में ब्राह्मण जाति के थे। उन्होंने जोगी जाति की मुस्लिम युवती से शादी की और अपना नाम बदल लिया। उनके तीन बेटे शहाबुद्दीन, गरीबुल्लाह, नजरूल्लाह हैं। उपाध्याय परिवार के नाम से जो भूमि थी वह मुस्लिम बेटों के नाम रजिस्ट्री हो चुकी है, लेकिन शहाबुद्दीन के प्रमाण पत्र बनवाने में धर्म परिवर्तन का कोई साक्ष्य नहीं है। बाप के ब्राह्मण जाति में जन्म लेने के कारण उनको पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा सकता।

निरस्त किया गया पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र: जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल के अभिमत के आधार पर टीम के अध्यक्ष जिलाधिकारी संजीव रंजन, अपर जिलाधिकारी उमाशंकर, उप जिलाधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव व जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजन की संयुक्त टीम ने कहा कि शहाबुद्दीन के पक्ष में जारी पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाता है।


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