Siddharthnagar News: बीडीओ व पूर्व ब्लाक प्रमुख सहित छह के खिलाफ गबन व धोखाधड़ी का दर्ज हुआ मुकदमा, ये है पूरा मामला
सिद्धार्थनगर जिले के बर्डपुर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में 23 परियोजनाओं में कराए गए कार्यों के भुगतान में गड़बड़ी को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। तीन लोगों के निजी खातों में 12 लाख 32 हजाक 803 रुपये मजदूरी का भुगतान हुआ है।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर जिले के बर्डपुर ब्लाक में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय कुमार, खंड विकास अधिकारी नीरज जायसवाल, विकास खंड के लेखाकार राजकिशोर सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। ग्राम पंचायत में कराए गए कार्य का भुगतान तीन लोगों के निजी खाते में करने के पश्चात शासन से हुई शिकायत के बाद पंचायती राज के निदेशक के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
ये है मामला: शिकायत के बाद कराई गई जांच में 23 परियोजनाओं पर गड़बड़ी पकड़ी गई थी। तत्कालीन सीडीओ पुलकित गर्ग ने इसकी रिपोर्ट 30 अप्रैल 2022 को निदेशक पंचायती राज को भेजी थी। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर आरटीआइ कार्यकर्ता व एडवोकेट प्रशस्त उपाध्याय ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत निदेशक पंचायती राज से जानकारी चाही थी।
बर्डपुर नंबर सात के टोला विशुनपुर निवासी केशरी नारायण पांडेय की शिकायत पर सीडीओ ने डीडीओ को जांच सौंपी थी। जांच में यह सामने आया था कि 23 परियोजनाओं पर केंद्रीय वित्त आयोग योजनान्तर्गत 89 लाख 82 हजार 762 रुपये व्यय किए गए थे। जिसमें 12 लाख 32 हजार 803 रुपये मजदूरी और शेष सामग्री अंश पर खर्च किया गया।
मजदूरों के खाते में नहीं हुआ भुगतान: मजदूरी अंश का भुगतान संबंधित मजदूरों के खातों में न करके तीन व्यक्तियों राम सेवक के खाते में एक लाख 20 हजार 306 रुपये, अनिल कुमार चौधरी के बैंक खाते में दो लाख 74 हजार आठ रुपये तथा राज कुमार चौधरी के खाते में आठ लाख 38 हजार 135 रुपये भुगतान किए गए।
अधिकारी पर लगा है ये आरोप: खंड विकास अधिकारी नीरज जायसवाल पर यह आरोप लगे हैं कि उन्होंने जानबूझ कर यह रकम व्यक्तिगत लोगों के खातों में भिजवाया। इसमें सचिव से लेकर कार्य प्रभारी की भूमिका की भी संलिप्तता पाई गई। तत्कालीन सीडीओ पुलकित गर्ग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पंचायती राज निदेशक को पत्र लिखकर कहा कि 23 परियोजनाओं पर मजदूरी के रूप में व्यय धनराशि में प्रक्रियागत वित्तीय अनियमितता सामने आई है।
ऐसे दर्ज हुआ मुकदमा: उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 16 में क्षेत्र पंचायत प्रमुख के विरुद्ध कार्यवाही की अधिकारिता राज्य सरकार में निहित है। क्षेत्र पंचायत सदस्य, खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की अधिकारिता भी शासन में ही निहित है। ऐसी परिस्थिति में जनपद स्तर से कार्यवाही संभव नहीं हो पा रही है। शासन से कार्रवाई न हो पाने के एक महीने के बाद 24 मई को आरटीआइ कार्यकर्ता प्रशस्त उपाध्याय ने निदेशक पंचायती राज से जानकारी मांगी है। पूछा कि यह पत्र आपको कब प्राप्त हुआ है। इस प्रकरण में कार्रवाई से अवगत कराया जाए। इसके पश्चात 16 जून को पंचायती राज निदेशक ने पंचायतीराज अधिकारी को पत्र भेजकर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था। उनके आदेश के पश्चात डीपीआरओ के निर्देश पर सहायक विकास अधिकारी राम प्यारे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया।
एसओ मोहाना संतोष कुमार सिंह ने बताया कि छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी आदर्श ने कहा कि शासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराई गई है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा: क्षेत्र पंचायत प्रमुख संजय कुमार, विकास खंड अधिकारी नीरज, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार चौधरी, अनिल कुमार चौधरी,रामसेवक, विकास खंड के लेखाकार राजकिशोर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है।