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Coronavirus: शारीरिक दूरी के बीच हो स्कूलों में शिफ्टवार पढ़ाई, छात्र नहीं ले पा रहे अंतिम निर्णय

सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सरकारी माध्यमिक स्कूलों को खोलने से पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक से तैयारियों की जानकारी मांगी है। साथ ही बच्‍चों को विद्यालय भेजने के लिए अनुमति देने वाले अभिभावकों की संख्या भी मांगी गई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 05:08 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 05:08 PM (IST)
Coronavirus: शारीरिक दूरी के बीच हो स्कूलों में शिफ्टवार पढ़ाई, छात्र नहीं ले पा रहे अंतिम निर्णय
निजी स्‍कूलों के बारे में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। पिछले सात माह से बंद स्कूलों को खोलने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने भले ही हरी झंडी दे दी है, लेकिन स्कूल खुलने को लेकर संशय बरकरार है। 75 फीसद अभिभावक पहले ही बच्‍चों को स्कूल भेजने में असमर्थता जता चुके हैं। उधर कोरोना से भयभीत छात्र भी असमंजस में हैं। छात्र-छात्राओं से मिली प्रतिक्रिया में यह बात सामने आई कि कुछ शारीरिक दूरी के बीच शिफ्टवार पढ़ाई के पक्ष में हैं तो कुछ सुरक्षा के दृष्टिगत इंतजार के पक्ष में।

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स्कूल खोलने से पहले देनी होगी तैयारी की जानकारी

सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सरकारी माध्यमिक स्कूलों को खोलने से पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक से तैयारियों की जानकारी मांगी है। जनपद व मंडल में विद्यालयों की संख्या, कक्ष 9 से 12 तक कक्षावार छात्र संख्या, विद्यालयों की साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन की स्थिति, साबुन, सैनिटाइजर व थर्मल स्कैनर की उपलब्धता आदि की सूचना तलब की गई है। साथ ही बच्‍चों को विद्यालय भेजने के लिए अनुमति देने वाले अभिभावकों की संख्या भी मांगी गई है।

क्‍या कहते हैं छात्र और छात्राएं

एडी राजकीय कन्या इंटर कालेज में दर्जा 11 की छात्रा साक्षी द्विवेदी का कहना है कि अभी तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में पढ़ाई से अधिक सुरक्षा जरूरी है। हमारी राय में अभी स्कूल नहीं खोलना चाहिए। एडी राजकीय कन्या इंटर कालेज में दर्जा नौ की छात्रा प्रतिष्‍ठा का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभी स्कूल खोलना उचित नहीं है। एक भी छात्र संक्रमित हो जाएगा तो धीरे-धीरे अन्य में भी यह फैल सकता है। लिटिल फ्लावर स्कूल, धर्मपुर में दर्जा 12 के छात्र प्रथम पांडेय का कहना है कि संक्रमण को देखते हुए अभी स्कूल खोलने को लेकर कुछ दिन और इंतजार करने की जरूरत है। आनलाइन पढ़ाई से काम चल जा रहा है। छात्रों की सुरक्षा अधिक जरूरी है। वहीं राजकीय जुबिली इंटर कालेज में दर्जा 11 के छात्र अंकति प्रजापति का कहना है कि स्कूल खुले, लेकिन साथ ही कोविड-19 गाइडलाइन का भी पालन किया जाए। स्कूल जाते समय छात्र अपने साथ सैनिटाइजर, ग्लव्स व मास्क लेकर जाएं और सावधानी बरतें तो पढ़ाई की जा सकती है। रैंपस स्‍कूल में दर्जा की छात्रा रिया सिंह का कहना है कि मेरी राय में स्कूल खुलना चाहिए और छात्रों को पचास-पचास फीसद की संख्या में शिफ्टवार बुलाया जाना चाहिए। इससे भीड़ भी नहीं होगी और शारीरिक दूरी के बीच पढ़ाई भी हो सकेगी। राजकीय जुबिली इंटर कालेज में दर्जा 11 के छात्र आयुष दुबे का कहना है कि स्कूलों में रणनीति बनाकर शिफ्टवार कम संख्या में छात्रों को बुलाकर पढ़ाया जाए। हर दिन स्कूलों को सैनिटाइज किया जाए। स्कूल बंद होने छात्रों की पढ़ाई का अधिक नुकसान हो चुका है।


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