जानें, क्यों यहां सैकड़ों भेड़-बकरियों के जीवन पर आ गया संकट Gorakhpur News
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण अभियान के तहत देश में वर्ष 2024 तक 51 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण कर खुरपका-मुंहपका को नियंत्रित करना है।
गोरखपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान के तहत जनपद के चार लाख पशुओं को इस जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए टीके लगाए जाने हैं। पहले सिर्फ गाय और भैंस को ही यह टीके लगाए जाते थे, लेकिन अब भेड़, बकरी जैसे छोटे जानवरों का भी टीकाकरण होगा। वह इसलिए कि छोटे जानवर भी इसके शिकार होने लगे हैं।
पीएम और सीएम ने की थी मथुरा से शुभारंभ
यद्यपि कि अभियान की शुरुआत पिछले माह ही होनी थी, लेकिन शासन से टीके उपलब्ध न हो पाने के चलते कार्यक्रम विलंब से शुरू हो सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान की शुरुआत 11 सितंबर को मथुरा से की थी और जनपद में इसकी शुरुआत 15 सितंबर से होनी थी।
समय से बैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण ही अभियान में विलंब
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.डीके शर्मा ने बताया कि वैक्सीन उपलब्ध न होने के चलते अभियान की शुरुआत नहीं हो सकी थी। अब टीके आ गए हैं। इसलिए इसकी शुरुआत की गई। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण अभियान के तहत देश में वर्ष 2024 तक 51 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण कर खुरपका-मुंहपका को नियंत्रित करना है।
यह है तय लक्ष्य
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने कहा कि विषाणु जनित इस संक्रामक बीमारी को खत्म करने के लिए 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टीकाकरण पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार करेगी।