गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित हुआ बॉयोगैस प्लांट, बनेगी खाद Gorakhpur News
विश्वविद्यालय परिसर में कचरे से जैविक ईंधन एवं खाद बनाने का प्लांट लगाया गया है। एक क्यूबिक मीटर के इस प्लांट के लिए प्रतिदिन पांच किलोग्राम अपशिष्ट पदार्थ की जरूरत पड़ेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के काशी सेवा सदन समिति के सौजन्य से कचरे से जैविक ईंधन एवं खाद बनाने का प्लांट लगाया गया है। एक क्यूबिक मीटर के इस प्लांट के लिए प्रतिदिन पांच किलोग्राम अपशिष्ट पदार्थ की जरूरत पड़ेगी। जिसके अपघटन के पश्चात 500 ग्राम गैस का उत्सर्जन होगा और उसी अनुपात में जैविक खाद भी प्राप्त होगी।
कुलपति ने कहा-युवा वर्ग होगा प्रेरित
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग में बॉयोगैस प्लांट की स्थापना अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. वीके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में कचरे को प्रबंधित कर उससे बॉयोगैस एवं बॉयो फर्टिलाइजर बनाने के प्लांट की स्थापना से पूरा समाज विशेषकर युवा वर्ग जागरूक व प्रेरित होगा। हमारी अगली पीढ़ी जागरूक होगी तभी समाज का भविष्य सुरक्षित होगा। हमें पर्यावरण के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त विश्व के बारे में आज से ही प्रयास करना होगा। अपशिष्ट पदार्थों के अपघटन से पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग से समृद्धि भी आएगी।
बिजली समस्या से जूझ रहा विश्व
उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व बिजली की समस्या से जूझ रहा है। पर्यावरण को लेकर भी सभी देश चिंतित हैं। ऐसे में यह प्लांट बिजली बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत शुरू से ही ऊर्जा की बचत करता रहा है। आज युवा पीढ़ी का दायित्व है कि वे इसका भरपूर लाभ उठाएं।
बायोगैस प्लांट की विशेषताओं के बारे में दी जानकारी
विभागाध्यक्ष प्रो. शरद कुमार मिश्र ने बॉयोगैस प्लांट की स्थापना के साथ उसकी विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि कितने कचरे में कितनी खाद बनेगी और कितना गैस बनेगा।
संचालन डॉ. मनीष पांडेय व आभार ज्ञापन विशेष जागरूकता प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो.अजय कुमार शुक्ला ने किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो.हरीशरण, कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश प्रो. दिनेश यादव, प्रो.राजर्षि गौर, प्रो. बीएन पांडेय, प्रो.दिनेश यादव, प्रो.अवनीश राय, प्रो.विनोद सिंह, प्रो.शीतला प्रसाद सिंह, प्रो.दिव्या रानी सिंह, डॉ.अमित उपाध्याय, डॉ.महेंद्र सिंह तथा लेखा अधिकारी पीएन सिंह मौजूद रहे।