Coronavirus: गंभीर रूप से बीमार इन बुजुर्ग महिलाओं ने घर में ही दी कोरोना को मात Gorakhpur News
Coronavirus गोरखपुर में गंभीर रूप से बीमार दो बुजुर्ग महिलाओं ने घर में ही दी कोरोना वायरसय को मात दे दी।
गोरखपुर, जेएनएन। हौसला व हिम्मत वालों के आगे कोरोना कमजाेर साबित हो रहा है। गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं एक ही परिवार की दो बुजुर्ग महिलाओं ने एहतियात व हौसले से घर में ही कोरोना को मात दी। जबकि एक का आक्सीजन लेवल 91 व दूसरे का 80 तक पहुंच गया था। डॉक्टरों के परामर्श से घर पर ही सतर्कता व इलाज से उन्होंने कोरोना को हराया।बशारतपुर के राजीव नगर निवासी 70 वर्षीय फूलमती को अस्थमा व 72 वर्षीय सुनैना सिंह को हार्ट, गठिया, शुगर, भूलने की बीमारी व उच्च रक्तचाप है।
अस्पताल में नहीं मिली जगह तो घर पर शुरू किया इलाज
शुगर के लिए उन्हें टेबलेट के साथ इंजेक्शन भी लेना पड़ता है। उनका लंबे समय से इलाज चल रहा है। इसी बीच दोनों लोगों कोरोना हो गया। उनके साथ ही घर के एक युवा सदस्य शशिकांत सिंह भी संक्रमण की चपेट में आ गए। फूलमती को तो काेई लक्षण नहीं था लेकिन सुनैना सिंह की तबीयत खराब हो गई। वह चल भी नहीं सकती थीं। उनका ऑक्सीजन लेवल 80 व फूलमती का 91 पर पहुंच गया था। उनकी बहू डॉ. कोमल वर्मा बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेज व पैनेसिया से संपर्क किया तो पता चला कि वेंटीलेटर खाली नहीं है। फिर चिकित्सकों के परामर्श से उन्होंने घर में ऑक्सीजन की व्यवस्था की। नियमित देखरेख करती रहीं। शशिकांत सिंह दोनों बुजुर्ग महिलाओं को समय से दवा, भोजन आदि देते रहे। तीनों लोगों को अलग कमरे में रखा गया था।
ऐसे दी कोरोना को मात
डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार उन्हें दवाएं दी जा रही थीं। 21 अगस्त को वे पॉजिटिव आई थीं, 26 अगस्त को उनका बुखार चला गया। धीरे-धीरे ऑक्सीजन लेवल भी ठीक हो गया। 31 अगस्त को तीनों लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। खास बात यह रही कि परिवार के किसी अन्य सदस्य में संक्रमण नहीं फैल पाया। डॉ. कोमल वर्मा बताती हैं कि तीनों लोगों को सुबह जो वे खाना चाहें, दिया जाता था। दोपहर में दूध व काढ़ा, शाम को नाश्ता और रात को हरी सब्जियों को मिलाकर बनाई गई दलिया दी जाती थी। इस दौरान जितना संभव हो पाता था प्राणायाम भी कराया जाता था।