ताकि परिंदा भी पर न मार सके...ऐसी होगी सीएम सिटी की सुरक्षा
सीएम सिटी गोरखपुर की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होने जा रही है कि कोई भी अपराधी अपराध करके आसानी से शहर से बाहर नहीं निकल पाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। अपराध को अंजाम देकर शहर के बाहर भागना अब अपराधियों के लिए खास मुश्किल होगा, क्योंकि वारदात होने के साथ ही शहर की नाकाबंदी हो जाएगी। एसएसपी के निर्देश पर शहर में 50 स्थानों पर चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। कंट्रोल रूम में घटना की सूचना मिलते ही एक साथ सभी स्थानों पर बैरिकेटिंग कर पुलिस वाहनों की चेकिंग शुरू कर देगी। चेकिंग प्वाइंट के लिए थानेवार अलग से पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। शहर में इन दिनों लूट, छिनैती और वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। उनके निर्देश पर शहर के अंदर और बाहरी क्षेत्रों में 50 चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। इन स्थानों पर पुलिस सड़क पर बैरिकेटिंग करेगी। इन स्थानों पर थानेवार एक दारोगा व दो सिपाहियों की ड्यूटी लगेगी। वायरलेस सेट पर घटना की सूचना प्रसारित होते ही ड्यूटी पर तैनात दारोगा और सिपाही चेकिंग शुरू कर देंगे। इससे बदमाश दूर तक नहीं भाग पाएंगे। इस कार्ययोजना को ऑपरेशन क्रैक डाउन नाम दिया गया है।
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने कह कि किसी भी सूचना पर पुलिस 10 मिनट के भीतर पूरे शहर में एक साथ चेकिंग शुरू कर देगी। इससे घटनाएं कम होने के साथ ही बदमाश भी पकड़े जाएंगे। जगह- जगह बैरियर लगने से शहर में तेज रफ्तार बाइक चलाने वालों को काबू में किया जा सकेगा।
विशिष्ट जनों की सुरक्षा में बढ़ेगा वाहनों का बेड़ा
महंत योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर में अक्सर हो रहे विशिष्ट जनों के दौरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा में लगाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। शासन ने मंजूरी के साथ वाहनों की खरीद के लिए धन भी अवमुक्त कर दिया है। कुल 16 वाहन खरीदे जाने हैं। इन वाहनों को गोरखपुर और गाजियाबाद जिले को उपलब्ध कराया जाएगा।
गृह जनपद होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अक्सर गोरखपुर आना रहता हैं। उनके अलावा दूसरे विशिष्ट जनों का भी गोरखपुर में अक्सर दौरा होता रहता है। वैसे तो महंत योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही उनकी फ्लीट और सुरक्षा में लगाने के लिए शासन ने गाडिय़ों का बेड़ा गोरखपुर भेज दिया था। लेकिन गोरखपुर में रहने के दौरान एक दिन में मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रमों में भाग लेने की वजह से सुरक्षा में लगाई जाने वाली इन गाडिय़ों का काफिला नाकाफी साबित होता है। जिसके चलते जिला प्रशासन को फ्लीट और सुरक्षा में लगाने के लिए अलग से वाहन की व्यवस्था करनी पड़ती है।
इस समस्या से स्थाई रूप से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन ने काफी पहले ही मुख्यमंत्री और विशिष्ट जनों की सुरक्षा और फ्लीट में लगाने के लिए अतिरिक्त वाहन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव को मंजूर करने के साथ ही शासन ने करीब 6.37 करोड़ रुपये वाहनों की खरीद के लिए अवमुक्त कर दिया है। इस बाबत जारी शासनादेश में पुलिस मुख्यालय को वाहनों की खरीद करने के लिए निर्देशित किया है। 31 मार्च 2019 से पहले हर हाल में वाहनों की खरीद पूरी कर लेनी है।
खरीदे जाएंगे ये वाहन
स्कार्पियो (वीएस फोर) - 4
फ्लीट के लिए जैमर व्हीकल - 2
बुलेट प्रूफ सफारी - 3
टाटा सफारी (टार्म ई-एक्स) - 7