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यूरिया आई तो सचिव गायब, किसान परेशान

सिचाई के मौसम में यूरिया संकट समाप्त नहीं हो रहा है। कभी समिति पर खाद नहीं रहती है जब उपलब्ध होती है तो सचिव की मनमानी शुरू हो जाती है। मंगलवार को भी यही स्थिति दिखाई दी। सिकौथा में एक सप्ताह के बाद यूरिया आई तो किसानों की भीड़ उमड़ी पड़ी मगर सचिव गायब हो गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 04:38 PM (IST)
यूरिया आई तो सचिव गायब, किसान परेशान
यूरिया आई तो सचिव गायब, किसान परेशान

सिद्धार्थनगर : सिचाई के मौसम में यूरिया संकट समाप्त नहीं हो रहा है। कभी समिति पर खाद नहीं रहती है, जब उपलब्ध होती है तो सचिव की मनमानी शुरू हो जाती है। मंगलवार को भी यही स्थिति दिखाई दी। सिकौथा में एक सप्ताह के बाद यूरिया आई तो किसानों की भीड़ उमड़ी पड़ी, मगर सचिव गायब हो गए। ठंड में किसान ठिठुरते रहे, पूरे दिन समिति का ताला नहीं खुला, जिसके बाद किसानों को निराश घर वापस लौटना पड़ा।

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भनवापुर विकास खंड अंतर्गत अहिरौली पड़री के नाम से साधन सहकारी समिति सिकौथा में संचालित है। यहां पिछले सप्ताह खाद आई तो भीड़ इतनी थी कि वितरण पूरा होने के बाद अधिकांश किसानों को खाद नहीं मिली। इधर सोमवार को समिति पर फिर से खाद आई। सूचना पर मंगलवार की सुबह किसान वहां पहुंच गए। ठंड में ठिठुरते रहे, मगर सचिव नहीं आए। किसानों का कहना है कि दो दिनों से खाद आई है, इसका वितरण नहीं किया जा रहा है। सचिव प्रतीक्षा कर रहे हैं कि भीड़ कम हो तो वह अपने चहेतों को खाद दे सकें।

अहिरौली निवासी बुद्धि राम ने कहा कि कल ही यूरिया आई है, गोदाम में रखने के बाद से सचिव गायब हैं। पिछले सप्ताह भी यूरिया वितरित हुई तो उसके दाम 300 रुपये वसूले गए। प्रमोद गिरी, दिनेश व आशा राम ने कहा कि प्राइवेट में 350 और 400 में यूरिया बिकती है, यही वजह है कि समिति पर आते हैं कि कुछ कम दाम में खाद मिल जाएगी, पर यहां सचिव की मनमानी हावी है। किसानों ने उच्चाधिकारियों से उचित कदम उठाए जाने की मांग की है। समिति के सचिव गया प्रसाद ने कहा कि कल 400 बोरी यूरिया आई है। थोड़ी समस्या आ गई थी, जिसके कारण वितरण नहीं हो सका। बुधवार को किसानों में खाद वितरित की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि खाद पहुंचने के बाद उसकी पत्रावली और आन लाइन फीडिग में कुछ समय लगता है। बुधवार को निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध हो जाएगी। जिन किसानों से अधिक पैसा सचिव ले रहे हैं, किसान उनकी लिखित शिकायत करें। कार्रवाई जरूर होगी।


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