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विद्यालयों में नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन

करीब एक वर्ष बाद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन तो शुरू हो गया है पर अभी बचों की संख्या नहीं बढ़ रही है। विद्यालय संचालन को लेकर शासन की ओर से कोरोना गाइडलाइन जारी की गई है पर इसका कहीं पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 11:00 PM (IST)
विद्यालयों में नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन
विद्यालयों में नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन

सिद्धार्थनगर : करीब एक वर्ष बाद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन तो शुरू हो गया है, पर अभी बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है। विद्यालय संचालन को लेकर शासन की ओर से कोरोना गाइडलाइन जारी की गई है, पर इसका कहीं पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है। कायाकल्प में विद्यालयों की तस्वीर चाक-चौबंद बनाने के लिए ग्राम पंचायतों के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति के ऊपर भी जिम्मेदारी दी गई, बावजूद इसके अभी कुछ ऐसे विद्यालय हैं, जहां कायाकल्प कौन कहे, रंगाई-पोताई तक नहीं कराई जाती है। मंगलवार को कुछ स्कूलों का नजारा यूं रहा।

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पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुम्हारडीह (गौरडीह)

खुनियांव ब्लाक अंतर्गत इस स्कूल में आते ही यहां की बदहाली स्वत: दिख जाएगी। कब रंगाई-पोताई हुई होगी, कुछ अंदाज लगा पाना मुश्किल होगा। बरामदे का फर्श टूटा हुआ है, तो कमरों की स्थिति खराब दिखी। कुल 170 बच्चों का नामांकन है। कक्षा सात में 46 में 42 बच्चे मौजूद मिले। स्कूल पर न सैनिटाइजेशन की कोई व्यवस्था और न ही मास्क पर कोई ध्यान दिया जा रहा है। सिर्फ एक शिक्षक राजेश कुमार चौधरी की यहां तैनाती है।

उच्चप्राथमिक विद्यालय नवेल खौदी

कुल 155 बच्चों का नामांकन है। कक्षा सात में कुल 49 में 31 बच्चे उपस्थित रहे। अध्यापक मौजूद मिले। परंतु यहां भी कोरोना गाइडलाइन दरकिनार दिखी। बाहर से विद्यालय चमक रहा था, अंदर इसकी हालत बदहाल दिखी। बच्चों के लिए हर साल जूता-मोजा आता है, परंतु यहां ज्यादातर बच्चे बिना जूता के स्कूल आए थे। जमीन पर बैठकर छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, एक भी बच्चा मास्क पहने दिखाई नहीं दिया। देसी हैंडपंप से दूषित जल निकल रहा था। शुद्ध पेयजल के लिए जिम्मेदारों का रवैया उदासीन मिला।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोनौली नानकार

यहां 251 बच्चों का नामांकन है। रोस्टर के अनुसार आज कक्षा सात के बच्चों को आना था। 62 में मात्र 34 बच्चे आए। आम दिनों में भी बच्चों की उपस्थिति सवाल बनी रहती है। तीन-चार बच्चों को छोड़कर कोई मास्क नहीं पहने था। मध्याह्न भोजन बना मिला। स्कूल परिसर में फूलों के जरिये यहां की रौनक को बेहतर बनाया गया। इसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सोनबरसा का शौचालय बदहाल स्थिति में दिखाई दिया।

इस संबंध में बीईओ गोपाल मिश्र ने कहा कि सभी विद्यालयों के लिए कोरोना गाइडलाइन अनुसार व्यवस्था संचालित कराने संबंधित निर्देश दिए गए हैं। स्वयं निरीक्षण करते हैं, सभी स्कूलों में गाइडलाइन व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। जिन विद्यालयों में कमियां हैं, उसको भी दूर कराया जाएगा।


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