गोरखपुर विश्वविद्यालय : शोध छात्रों के लिए छात्रवृत्ति का मामला पंजीकरण के फेर में फंसी Gorakhpur News
जब तक सभी छात्रों का पंजीकरण नहीं हो जाता छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। जल्द ही इसकी समीक्षा की जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शोध छात्रों के लिए पहली बार शुरू की गई छात्रवृत्ति योजना पंजीकरण के फेर में फंस गई है। पंजीकरण कार्य पूर्ण होने के बाद ही छात्रवृत्ति के लिए छात्रों का चयन किया जाना है, लेकिन कई विभागों ने सफल छात्रों का पंजीकरण तक नहीं किया है। वहीं कई विभागों में छात्र नामांकन के बाद कक्षाएं चलने का इंतजार कर रहे हैं।
आठ वर्ष बाद हुई थी शोध पात्रता परीक्षा
लगभग आठ वर्ष बाद शोध पात्रता परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसका परिणाम अप्रैल-मई 2019 में आया। नियमत: सफल परीक्षार्थियों का संबंधित विभाग में नामांकन कर प्री-पीएचडी की कक्षाएं आरंभ हो जानी चाहिए थीं। छह माह कक्षाएं चलने के बाद विभाग में छात्रों का पंजीकरण होना था। आधा दर्जन विभागों ने छात्रों का नामांकन किया, लेकिन कक्षाएं शुरू नहीं हुईं। वहीं कई विभागों में छात्र कक्षाएं पूर्ण होने के बाद पंजीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
इन विभागों में नहीं शुरू हुईं प्री-पीएचडी की कक्षाएं
प्री-पीएचडी की कक्षाएं अभी तक जिन विभागों में नहीं शुरू हुईं हैं उनमें हिंदी, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, प्राचीन इतिहास व इतिहास शामिल हैं।
मई तक संभावित है छात्रवृत्ति
डीडीयू में पहली बार शोध छात्रों को मेरिट के आधार पर दो हजार रुपये शोध प्रोत्साहन छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया गया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां यह योजना लागू की गई है। छात्रवृत्ति की पहली किस्त मई 2020 तक संभावित है। प्रथम चरण में सौ ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति दी जानी है, जो रेट (शोध पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करने के साथ ही शोध पाठ्यक्रम में पंजीकृत हो चुके हैं।
पंजीकरण के बिना नहीं बढ़ सकती प्रक्रिया
इस संबंध में कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह का कहना है कि प्री-पीएचडी की कक्षाओं को लेकर विभागों द्वारा शिथिलता बरती जा रही है, जो गंभीर है। जब तक सभी छात्रों का पंजीकरण नहीं हो जाता, छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। जिन विभागों में अभी तक प्री-पीएचडी की कक्षाएं नहीं शुरू हुईं हैं, वह तेजी लाएं, क्योंकि जल्द ही इसकी समीक्षा की जाएगी।