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गोरखपुर में शौचालय निर्माण में लाखों का घोटाला, बैंककर्मी व पूर्व प्रधान सहित तीन पर मुकदमा

Toilet Construction Scam in Gorakhpur गोरखपुर में शौचालय निर्माण में लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है। इस मामले में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद के आदेश पर प्रशासन बैंक कर्मी पूर्व प्रधान समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 06:30 AM (IST)
गोरखपुर में शौचालय निर्माण में लाखों का घोटाला, बैंककर्मी व पूर्व प्रधान सहित तीन पर मुकदमा
शौचालय निर्माण में घोटाला करने वाले बैंक कर्मी, पूर्व प्रधान सहित तीन पर एफआइआर होगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शौचालय निर्माण में अनियमितता के मामले में भटहट के करमहा बुजुर्ग गांव के पूर्व प्रधान, उनके पति एवं संबंधित बैंक कर्मी पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जांच में फर्जी तरीके से 11 लाख 68 हजार रुपये का भुगतान कराने का मामला सही पाए जाने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने यह निर्देश दिया है।

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ग्राम पंचायत की तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी फिरदौस जहां के विरुद्ध कठोर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है। जिलाधिकारी का निर्देश मिलने पर जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने भटहट की खंड विकास अधिकारी एवं एडीओ पंचायत को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है।

सही पाई गई थी फर्जी भुगतान की शिकायत

करमहां बुजुर्ग में 22 सितंबर 2021 को मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह द्वारा लगाई गई चौपाल में अच्छेलाल गुप्ता ने शौचालय निर्माण के नाम पर फर्जी भुगतान करने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। शौचालयों का सत्यापन कराया गया तो 112 चेकों के माध्यम से 11 लाख 68 हजार रुपए का संदिग्ध भुगतान पाया गया। इसमें पूर्व ग्राम प्रधान गुड्डी देवी, उनके पति मनोज मोदनवाल व बैंक कर्मचारी के साथ तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी फिरदौस जहां की मिलीभगत पायी गई।

रोक के बाद भी किया भुगतान

पूर्व प्रधान के पति द्वारा 10 फरवरी 2021 को ग्राम निधि के खाते में एक लाख 36 हजार रुपये जमा किए जाने को भी जांच टीम ने धोखाधड़ी करके बैंक से निकासी एवं जमा करके बचने का प्रयास माना था। पिछली पंचायत का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गया था और ग्राम निधि के खाते से प्रधान के हस्ताक्षर से किसी भी निकासी पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद भुगतान कर दिया गया। इसके लिए बैंक कर्मी की भूमिका को संदिग्ध माना गया। इस मामले में हुई जांच में पूर्व ग्राम प्रधान, उनके पति, ग्राम पंचायत अधिकारी फिरदौस व बैंक कर्मचारी फर्जी तरीके से भुगतान कराने का दोषी पाया गया है।

तीन सदस्यीय टीम ने की जांच

इस मामले में शिकायत आने के बाद मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर प्रारंभिक जांच कराई गई। इस जांच में शिकायत सही मिलने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद द्वारा पूर्व ग्राम प्रधान गुड्डी देवी, उनके पति, तत्कालीन पंचायत सचिव एवं इंडियन बैंक की भटहट शाखा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बैंक द्वारा जवाब नहीं मिलने पर 11 मार्च 2022 को दोबारा नोटिस जारी की गई थी। तीनों आरोपितों द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब के सत्यापन व अंतिम रिपोर्ट के लिए कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह व पिपरौली के एडीओ पंचायत नामित किया गया। इस समिति की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने एफआइआर के निर्देश दिए हैं।

भटहट ब्लाक के करमहा बुजुर्ग में शौचालय निर्माण के नाम पर फर्जी भुगतान के मामले में जिलाधिकारी के निर्देश के बाद पूर्व ग्राम प्रधान, उनके पति, संबंधित बैंक कर्मी पर एफआइआर दर्ज कराई जा रही है। तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई के लिए पत्रावली तलब की गई है। - हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी।


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