पिछड़े वर्ग का हूं इसलिए पिछड़े वर्ग का ही अध्ािकारी करे जांच
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शोधार्थी दीपक कुमार के मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थी दीपक कुमार द्वारा अपने शिक्षकों पर लगाए गए जातिगत उत्पीड़न के मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दीपक ने कुलपति को पत्र देकर विवि द्वारा जारी जांच प्रक्रिया के निष्पक्ष हो पाने पर संदेह जताया है। कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जांच कमेटी के सदस्य शिक्षक संघ के सदस्य हैं और जिस तरह शिक्षक संघ ने दीपक के आरोपों को खारिज कर दिया है, ऐसे में निष्पक्ष जांच होगी, इसमें संदेह है।
आरक्षित वर्ग के अधिकारी से जांच की मांग
दीपक ने मांग रखी है कि मामले में विवि परिसर के बाहर के किसी उच्च पदस्थ आरक्षित वर्ग के अधिकारी से जांच कराई जाए। इससे पहले सोमवार को राजीव यादव, शिवशंकर गौड़, पवन कुमार, अनूप यादव, सूरज यादव, आर्या यादव सहित छात्रों के एक समूह ने कुलपति को ज्ञापन सौंप मामले में विवि प्रशासन द्वारा आरोपित दोनों शिक्षकों को बचाने का आरोप लगाया।
प्रोफेसरों पर मुकदमा का विरोध
दूसरी ओर स्ववित्त पोषित प्राचार्य परिषद ने दर्शनशास्त्र विभाग के दोनों प्रोफेसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर विरोध जताया है। परिषद के अध्यक्ष डॉ. गोविंद शरण सिंह ने निंदा करते हुए कहा कि शोध छात्र किसी के द्वारा उकसाया जा रहा है और फिर यह साजिश रची गई। परिषद के महामंत्री डॉ. कृष्ण मुरारी पाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद चौबे, डॉ. राम कृपाल राय, डॉ. केपी चौरसिया आदि ने भी इसे साजिश बताया। एससी-एसटी एक्ट विरोधी संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने टाउन हॉल स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन करते हुए दोनों शिक्षकों के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की।
संयुक्त मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी
मोर्चा के संयोजक अवधेश मिश्रा ने कहा कि अगर मुकदमा वापस न हुआ तो सवर्ण समाज नुक्कड़ सभा, क्रमिक अनशन, आमरण अनशन आदि लोकतांत्रिक तरीकों से अपना प्रतिरोध जताएगा। प्रदर्शन में चित्रगुप्त मंदिर सभा के विजय श्रीवास्तव, सवर्ण सेना संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय शंकर श्रीवास्तव, गोविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, डॉ. असलम खान, आशुतोष तिवारी सहित अनेक लोगों की सहभागिता रही।