तालाब खुदवा कर सहेज रहीं बारिश का जल, अन्य लोगों को भी कर रहीं प्रेरित Gorakhpur News
वह कहती हैं इससे खेतों की सिंचाई आसान हो गई है। वह अपने साथ-साथ अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रही हैं कि लोग तालाब खुदवा वर्षा जल संचय कर सकते हैं। इससे फसलों के सिंचाई की समस्या का समाधान होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। बड़हलगंज विकास खंड के ग्राम ददरी निवासिनी गुलैची देवी तालाब खुदवा कर बारिश का जल सहेज रही हैं। बारिश की बूंदे सहेजने का देन है कि मौसम कैसा भी उन्हें फसलों की सिंचाई के बहुत परेशानी नहीं होती है। तालाब में एकत्रित जल से फसल की ङ्क्षसचाई करने पर फसल का उत्पादन भी बढ़ा है। गुलैची देवी अपने-अपने साथ अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।
दो वर्ष पूर्व तक गुलैची देवी को खेती के लिए तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसकी प्रमुख वजह जल संसाधन की कमी। इससे खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती थी। पिछले वर्ष उन्होंने प्रधानमंत्री की कृषि सिंचाई योजना खेत तालाब के तहत खेत में ही तालाब खोदवा दिया। इसके लिए उन्हें सरकार से 50 फीसद का अनुदान भी मिला। तालाब खुदने के बाद उसमें वर्षा का जल संचय हुआ है।
इन्हें मिली प्रेरणा, खुदवाया तालाब
वह कहती हैं इससे खेतों की सिंचाई आसान हो गई है। वह अपने साथ-साथ अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रही हैं कि लोग तालाब खुदवा वर्षा जल संचय कर सकते हैं। इससे फसलों के सिंचाई की समस्या का समाधान होगा। गुलैची से प्रेरित होकर सरदारनगर के भोलानाथ, सहनवा क्षेत्र के राजेश, पिपरौली क्षेत्र के जमुना भी तालाब खोदवा कर बारिश के बूंदों का संचय कर रहे हैं।
यह है खेत तालाब योजना
खेत तालाब योजना के लिए सरकार 50 फीसद का अनुदान देती है। 23 मीटर लंबा, 20 मीटर लंबा,3 मीटर गहरे तालाब के लिए 1.05 लाख रुपये की अनुमानित राशि है। इस लघु तालाब के लिए 52500 रुपये सरकार अनुदान देती है। खोदाई के दौरान तालाब निकली मिट्टी से चारो तरफ बांध का निर्माण होता है। इस पर किसान फल, सब्जी व सहजन आदि का उत्पादन कर सकते हैं।
इस वर्ष से आनलाइन होगा आवेदन
खेत तालाब योजना के लिए इस वर्ष से आनलाइन आवेदन हो रहा है। इसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन कराने के बाद टोकन जनरेट होगा। टोकन मनी के रूप में लघु तालाब के लिए एक हजार यूनियन बैंक की यूपी एग्रो शाखा में जमा कर सभी अभिलेख वेबसाइट पर अपलोड कराना होगा। विभागीय सत्यापन के बाद पात्र तालाब का निर्माण करा सकेगा। भूमि संरक्षण अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्र का कहना है कि इस योजना के जरिये जल संचयन होगा। भूगर्भ जलस्तर में सुधार होगी। किसान इसके जरिये अपनी आय बढ़ा सकते हैं। फसलों की ङ्क्षसचाई आसान हो जाएगी। इस वर्ष से आनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं। गत वर्ष 14 लोगों को इस योजना का लाभ मिला था। इस वर्ष से संख्या बढ़ाई जाएगी।